वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे: जीवनशैली और आहार में गड़बड़ी का असर समग्र स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। हम अक्सर हार्ट, किडनी और लंग्स की समस्याओं पर ध्यान देते हैं, लेकिन क्या आप अपनी मौखिक स्वच्छता के प्रति जागरूक हैं? हालाँकि आप अक्सर ओरल हेल्थ पर ध्यान नहीं देते, लेकिन यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत में मौखिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं बढ़ रही हैं, जो समय के साथ कई गंभीर बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
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दांतों की समस्याएं और उनका समग्र स्वास्थ्य पर प्रभाव
मौखिक स्वास्थ्य और स्वच्छता के महत्व के प्रति वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 20 मार्च को वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे मनाया जाता है। आंकड़े बताते हैं कि देशभर में दांतों की सड़न, मसूड़ों की बीमारियाँ और मुंह के कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, लाखों लोग दांत संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं, जो उनके समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, लगभग 50% भारतीय वयस्क पेरिओडोंटल बीमारी से ग्रस्त हैं, जबकि बच्चों में दांतों की सड़न आम समस्या है। पेरिओडोंटल रोग, जिसे मसूड़ों की बीमारी भी कहा जाता है, मुख्य रूप से बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है, जो मसूड़ों और दांतों को सहारा देने वाली हड्डी को नुकसान पहुँचाता है। इसके प्रमुख कारणों में ओरल हाइजीन की कमी मानी जाती है। अमर उजाला से बात करते हुए लखनऊ के दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. रमन श्रीवास्तव ने कहा कि जागरूकता बढ़ने के बावजूद बड़ी संख्या में लोग अभी भी मुंह की स्वच्छता की अनदेखी कर रहे हैं। ओरल हेल्थ का ध्यान न रखने से दांतों और मसूड़ों की सेहत तक ही नहीं, बल्कि यह मस्तिष्क और हृदय स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
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मौखिक स्वास्थ्य की अनदेखी से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है: शोध
अध्ययनों से यह सामने आया है कि जो लोग मौखिक स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देते, उनमें हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि पेरिओडोंटाइटिस और मसूड़ों में सूजन लाने वाले बैक्टीरिया रक्त के माध्यम से शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकते हैं, जिससे हृदय और मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं में सूजन और क्षति का जोखिम बढ़ जाता है। साल 2018 में किए गए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने लगभग दस लाख लोगों के डेटा का विश्लेषण किया, जिनमें से 65,000 से अधिक को हृदय संबंधी समस्याएं (जैसे हार्ट अटैक) देखी गईं। विशेषज्ञों ने पाया कि उम्र के साथ दांतों की समस्याएं (जो खराब मौखिक स्वास्थ्य का संकेत हैं) कोरोनरी हार्ट डिजीज को बढ़ावा दे सकती हैं। धूम्रपान को इसके लिए एक प्रमुख जोखिम कारक माना गया है।
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