ओमीक्रॉन : नई गाइडलाइंस में कहा गया है कि भारत आने वाले यात्रियों को पिछले 14 दिनों की ट्रैवल हिस्ट्री के बारे में सूचना देनी होगी. इसके अलावा यात्रा से पहले ही यात्री एयर सुविधा पोर्टल पर अपनी निगेटिव RT-PCR रिपोर्ट को अपलोड करेंगे.
कोरोना ने नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अहम फैसला लिया है। मंत्रालय ने हांगकांग और इज़राइल को भी उन देशों की सूची में जोड़ दिया है, जिन देशों के नागरिकों भारत आने से पहले कोरोना टेस्ट समेत अन्य गाइडलाइन का पालन करना बेहद जरूरी है। इससे पहले ब्रिटेन समेत UK , साउथ अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बावे, सिंगापुर का नाम इस सूची में जुड़ चुका है।
कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन से देश में टेंशन का माहौल
नए वेरिएंट की खबरें आने के बाद लोगों की टेंशन बढ़ गई है। उनके मन में कई सवाल उठ रहे हैं। यह वेरिएंट कितना खतरनाक है? इससे कैसे बचा जा सकता है? वैक्सीन इस पर कितनी कारगर है? ऐसे सभी सवालों के जवाब एम्स के डॉक्टर नवीत विग ने दिए हैं।
डॉक्टर नवीत एम्स दिल्ली में कोविड टास्क फोर्स के चेयरपर्सन भी हैं। उन्होंने कहा कि माना जा रहा है कि नया वेरिएंट ज्यादा ट्रांसमिसबल है। यानी यह अधिक तेजी से फैलता है। इम्यूनिटी को मात देने में भी यह ज्यादा कुशल है।
नवीत ने नए वेरिएंट के आते रहने की तरफ इशारा किया। उन्होंने कहा, ‘हमें यह समझना होगा कि नए वेरिएंट आते रहेंगे। ऐसे में यूनिवर्सल वैक्सीनेशन यानी सभी लोगों को वैक्सीन लगनी बहुत महत्वपूर्ण है। ‘
इन देशों से भारत आने पर बतानी होगी ट्रैवल हिस्ट्री
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक ऐसे देश जहां नए कोरोना के नए वैरिएंट का खतरा ज्यादा है, उन देशों से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर ही कोविड-19 की जांच होगी. जांच रिपोर्ट आने तक वहीं इंतजार करना होगा. अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तो भी यात्रियों को सात दिन
के लिए होम क्वारंटाइन में रहना होगा. आठवें दिन फिर से कोरोना की जांच करानी होगी.
बता दें कि केंद्र सरकार ने 12 देशों की लिस्ट तैयार की है, जहां नए वैरिएंट का खतरा अधिक है. इनमें यूके समेत यूरोप के सभी देश, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, , सिंगापुर, हांगकांग और इजराइल शामिल हैं. इन देशों के अलावा अन्य देशों से आने वाले यात्रियों को एयरपोर्ट से बाहर आने की अनुमति होगी. लिहाजा उन्हें 14 दिनों के लिए खुद ही निगरानी में रहना होगा.