• Fri. Nov 22nd, 2024

    आयुष्मान कार्ड: आसान नहीं मुफ्त इलाज की सुविधा पाना, मरीज बाजार से खरीद रहे दवाएं

    ayushman card

    बिहार में आयुष्मान कार्ड के निर्माण के लिए चल रहे अभियान की धूमधाम से चर्चा हो रही है। अनेक जिलों में कार्ड बनाए जा रहे हैं और इसके कई रिकॉर्ड भी बन रहे हैं। लेकिन यह साफ नहीं है कि मुफ्त इलाज के लिए बनाए गए इन कार्ड का लाभ आम लोगों तक सही ढंग से पहुंच रहा है या नहीं। इस विषय पर की जा रही जांच में वास्तविकता का पर्दाफाश होगा।

    Also read:Contempt plea moved against SBI for defying SC order on electoral bonds’ disclosure

    आयुष्मान भारत: गरीबों के लिए आराम की कल्पना या वास्तविकता…

    गरीब से गरीब आदमी गुणवत्तापूर्ण उपचार करा सके, यह आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का लक्ष्य है। अधिक से अधिक लोग हर वर्ष पांच लाख तक का पूर्णतय: मुफ्त उपचार सम्बद्ध सरकारी व निजी अस्पतालों में करा सकें, इसलिए इसे राशन कार्ड से भी जोड़ दिया गया है।कई बड़े अस्पतालों में मरीजों की मदद के लिए आयुष्मान मित्र भी तैनात किए गए हैं, लेकिन फिर भी लोगों को मुफ्त उपचार की सुविधा नहीं मिल पा रही है।निजी ही नहीं नालंदा मेडिकल कालेज सह अस्पताल (एनएमसीएच) जैसे सरकारी संस्थानों में आयुष्मान कार्ड पर मुफ्त उपचार की सुविधा पाना आसान नहीं है।

    Also read:Aamir Khan and Darsheel Safary reunite 16 years after Taare Zameen Par

    निशुल्क उपचार: आयुष्मान भारत कार्ड की असली दावत या कमी….

    आयुष्मान भारत कार्ड पर भर्ती मरीज पांच लाख तक का उपचार निशुल्क करा सकता है। सरकारी अस्पतालों में जो सुविधाएं निशुल्क हैं उसकी मद में इलाज पर हुए कुल खर्च का 25 प्रतिशत अस्पताल व 25 प्रतिशत डाक्टर को मिलता है। इस राशि का उपयोग अस्पताल की सुविधाएं बढ़ाने में करना है। ऐसे में जब एनएमसीएच में आयुष्मान भारत कार्ड पर मरीज भर्ती हो रहा है तो उसके एवज में धनराशि भी आती होगी। जब रोगी का इलाज मुफ्त होता नहीं तो वह राशि कहां जाती है

    Also read:Lootere trailer: Hansal Mehta’s series is a gripping tale of gun and violence

    Share With Your Friends If you Loved it!