दिल की बीमारियों के कारणों में खानपान का बड़ा रोल है। प्रोसेस्ड, रिफाइंड और फास्ट फूड्स इसे बीमारी बनाने का बड़ा कारण हैं। अपने दिल की सेहत को बनाए रखने के लिए संतुलित और पोषक भोजन खाएं। कैलोरी इन्टेक शारीरिक सक्रियता और मेटाबॉलिज्म के अनुसार होना चाहिए। डाइट में फल, सलाद, हरी पत्तेदार सब्जियों, साबुत अनाज को शामिल करें। क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट गरिमा तिवारी बता रही हैं दिल की सेहत के लिए किन बातों का फॉलो करना जरूरी है…
एक दिन में तीन छोटे चम्मच से अधिक तेल न लें
स्वस्थ हृदय के लिए खानपान पर नियंत्रण पहला चरण है। सही खानपान से हमारी रक्त नलिकाएं खुली रहती हैं। इनमें आसानी से क्लॉट नहीं बनते और इनका लचीलापन बरकरार रहता है। एनिमल फैट, घी, मक्खन की तुलना में पादप वसा; खाद्य तेल हमारे शरीर को कम नुकसान पहुंचाते हैं, लेकिन हमें इनका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। एक दिन में तीन छोटे चम्मच से अधिक तेल का सेवन नहीं करना चाहिए।
नमक का सेवन कम करें
डायनिंग टेबल पर सॉल्ट शैकर न रखें। सलाद, फलों और दही में नमक न डालें। डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। इनमें सोडियम होता है। दिन में एक छोटा चम्मच 5 ग्राम से अधिक नमक न खाएं। खासतौर नमकीन और सॉस का कम से कम प्रयोग करें क्योंकि इनमें नमक की मात्रा काफी ज्यादा होती है।
बदल-बदलकर इस्तेमाल करें तेल
एक ही तेल का सेवन हमेशा नहीं करना चाहिए। हर तीन महीने में अपना तेल बदल लेना चाहिए। ऐसा भी कर सकते हैं कि अपने किचन में तीन-चार तरह के तेल जैसे मूंगफली, सूरजमुखी, सरसों, कनोला, जैतून आदि का तेल रखें और विभिन्न डिशों के अनुसार इनका इस्तेमाल करें। डीप फ्राय न करें। इसके बजाय उबालना, सेंकना, ग्रिल और फ्राई करें।
सलाद को बिना नमक मिलाए खाएं
फल और सब्जियों को कच्चा खाना अच्छा रहता है, इससे कैलोरी का इनटैक भी कम होता है और पोषक तत्व भी नष्ट नहीं होते हैं। रोजाना 2-3 अलग-अलग रंगों के फल जरूर खाएं। रोज़ खाने के साथ सलाद खाएं, लेकिन ध्यान रखें कि सलाद को काटने के बाद तुरंत खा लें। इसमें नमक न डालें, क्योंकि इससे जरूरी माइक्रोन्युट्रिएंट्स बाहर निकल जाते हैं। शाम के समय स्नैक्स के रूप में फ्रूट सलाद या वेजीटेबल सलाद भी ले सकते हैं।
लहसुन की 5 कली खाएं
रोज पांच लहसुन की कली खाएं। इसमें एलिसिन होता है,जो रक्त के लिपिड तथा प्लॉक के निर्माण को कम करता है और रक्त संचरण को दुरुस्त रखता है। लहसुन को कच्चा खाएं या इसे कुचल लें और पकाने के पहले इसे कुछ मिनटों के लिए छोड़ दें। इससे एलिसिन का निर्माण हो जाता है।
Comments are closed.