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    देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस बीच IIT प्रोफेसर्स कानपुर के राजेश रंजन ने भी एसआईआर मॉडल के हवाले से दावा किया है कि भारत में आने वाली चौथी लहर दूसरी और तीसरी लहर से कम घातक होगी। वहीं, कोरोना को लेकर भविष्यवाणी करने वाले IIT प्रोफेसर्स के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने भी दावा किया है कि कोरोना की चौथी लहर आने की संभावना कम है।

    प्रोफेसर अग्रवाल ने गणितीय मॉडल के आधार पर एक इंटरव्यू में कहा कि अब लोगों में इम्युनिटी 90% तक बन गई है। इससे वह कोरोना का सामना कर सकते हैं। हालांकि, लापरवाही बरती तो ये म्यूटेंट फिर से अपना असर दिखा सकते हैं।

    सवाल : देश में बढ़ रहे कोरोना के मामले क्या कोरोना की चौथी लहर की तरफ इशारा करते हैं?
    जवाब : देखिए चौथी लहर देश में आएगी, लेकिन यह दूसरी और तीसरी लहर का मिश्रण होगा, जो ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाएगी। देश में मिल रहे मामले इसी तरफ संकेत कर रहे हैं। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इसकी मारक क्षमता डेल्टा के बराबर नहीं है।

    सवाल :​​​​​​​ रेस्ट्रिक्शन के बाद भी हांगकांग, चीन, साउथ कोरिया जैसे देशों में कोरोना के वेरिएंट की चैन क्यों नहीं टूट रही?
    जवाब :
    इसकी मुख्य वजह यह है कि उन देश के लोगों ने आज तक कोरोना को सीरियसली नहीं लिया। उन्होंने इसे एक आम बीमारी की तरह लिया है। चाहे कितने भी लोग की मौत हुई हो इस पैंडेमिक में, लेकिन भारत ने इसे बहुत ही अच्छे तरीके से डील किया है।

    सवाल : कितना सावधान रहना चाहिए देशवासियों को?
    जवाब :
    देखिए जिस तरह से मेरा आकलन है, उसे देखते हुए यह वायरस लोगों में ज्यादा संक्रमण फैलाएगा, लेकिन कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा। निचले स्तर पर इससे सावधान रहने की जरूरत है। जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है, वो तुरंत वैक्सीन लगवाएं।

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