भारत में H3N2 वायरस के मामलों में हालिया वृद्धि ने चिंता बढ़ा दी है। सालों से अस्पतालों में इन्फ्लूएंजा के हजारों मामले रोजाना सामने आ रहे हैं। इन्फ्लुएंजा के मामलों में उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में तेजी से वृद्धि देखी गई है। इसमें 3-5 दिन तक बुखार बना रहता है। इसके साथ ही लगातार खांसी आती है जो तीन सप्ताह तक रह सकती है। चूंकि यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है, इसलिए होली के त्योहार में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
कर्नाटक सरकार ने सोमवार को राज्य में इन्फ्लुएंजा के H3N2 प्रकार के बढ़ते प्रसार के बीच स्वास्थ्य कर्मियों के लिए फेस मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया। मंगलवार को कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों के साथ मीटिंग की जिसमें इन्फ्लुएंजा के बढ़ते मामलों और इससे निपटने को लेकर चर्चा हुई। मंथन के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि घबराने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने जल्द ही गाइडलाइन जारी करने की बात कही।
क्या हैं लक्षण?
H3N2 वायरस के लक्षणों में खांसी, नाक बहना या नाक बंद होना, गले में खराश, सिर दर्द, शरीर व मांसपेशियों में दर्द, बुखार, ठंड लगना, थकान, उल्टी, दस्त और सांस फूलना शामिल हैं। ICMR के मुताबिक, अस्पताल में भर्ती H3N2 वाले मरीजों में 92% मरीजों में बुखार, 86% को खांसी, 27% को सांस फूलना, 16% को घरघराहट की समस्या थी।
ICMR ने कहा, “H3N2 के कारण गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण से पीड़ित लगभग 10% रोगियों को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, और 7% को ICU देखभाल की आवश्यकता होती है।”
बचाव के तरीके
फ्लू से बचने का सबसे अच्छा तरीका साफ-सफाई का ध्यान रखना, भीड़-भाड़ से बचना और खूब सारे तरल पदार्थ पीना है। जब आप अन्य लोगों के आस-पास हों तब भी आप मास्क पहन सकते हैं और अपनी नाक और मुँह को छूने से बचें।