• Sat. Nov 23rd, 2024

    जिंदा भ्रूण विदेश भेजने की गुजारिश:प्रेग्नेंसी के लिए चाहिए ICMR का NOC, अमेरिका में है बच्चे को कोख में पालने वाली मां

    जिंदा मानव भ्रूण यानी Embryo को कैलिफोर्निया भेजने की मांग को लेकर एक पिटीशन यानी याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है। कोर्ट से गुजारिश की गई है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट यानी NOC जारी करने का आदेश दिया जाए। इस मामले की सुनवाई 20 जुलाई के बाद होनी है।

    अब आपके मन में सवाल होगा कि आखिर भ्रूण भेजने की मांग क्यों की गई है? भ्रूण भेजने का प्रोसेस क्या होता है? इसको लेकर कोई कानून भी है क्या?

    सबसे पहले हमने दिल्ली की गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. ऋतु सेठ्ठी से बात की।

    जानिए कि भ्रूण क्या होता है?

    नन्ही सी जान, जो एक औरत के फर्टिलाइज्ड एग से निकलकर यूट्रस की दीवार पर चिपकती है उसे भ्रूण कहते है। यानी मां के गर्भ में 8वें हफ्ते से लेकर पैदा होने के पहले तक बच्चा भ्रूण के रूप में ही रहता है।

    भ्रूण भेजने की की मांग क्यों की गई?

    दरअसल, यह मामला सरोगेसी का है। पिटीशन दायर करने वाले के एडवोकेट परमिंदर सिंह का कहना है कि सरोगेट मां कैलिफोर्निया में रहती है। इसलिए जिंदा भ्रूण को एक्सपोर्ट करना बेहद जरूरी है। बहुत कोशिश करने के बाद सरोगेट मां के साथ दोबारा समझौता किया गया है। ऐसे में जरा-सी भी देरी इस केस को खराब कर सकती है। हो सकता है कि वह महिला सरोगेसी के लिए भी मना कर दे।

    Share With Your Friends If you Loved it!