इस इंट्रा नैजल वैक्सीन की खुराक के जरिए देश में जारी कोरोना के खिलाफ जंग से निपटने में मदद मिलेगी। नाक से दी जाने वाली इस कोरोना वैक्सीन का परीक्षण देश में नौ जगह किया जाएगा।
भारत के दवा नियंत्रक (DCGI) ने भारत बायोटेक को उसकी नाक से दी जाने वाली कोरोना वैक्सीन की बूस्टर खुराक (intranasal booster dose) के परीक्षण की इजाजत दे दी है।
इस इंट्रा नैजल वैक्सीन की खुराक के जरिए देश में जारी कोरोना के खिलाफ जंग से निपटने में मदद मिलेगी। नाक से दी जाने वाली इस कोरोना वैक्सीन का परीक्षण देश में नौ जगह किया जाएगा। भारत बायोटेक ने स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन का निर्माण कर देश में इस महामारी के खिलाफ जंग में बड़ी कामयाबी हासिल की है। कंपनी अब बूस्टर खुराक के लिए नाक से दी जाने वाली वैक्सीन बना रही है।
नैजल कोवाक्सिन लेने वालों पर होगा परीक्षण
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत बायोटेक ने अपनी नैजल वैक्सीन BBV154 को पहले से टीका ले चुके लोगों को बूस्टर डोज के तौर पर उपयोग करने का प्रस्ताव दिया है। इस वैक्सीन का परीक्षण ऐसे लोगों पर किया जाएगा जिन्होंने पहले कोवाक्सिन ले रखी है। भारत बायोटेक ने पहले घोषणा की थी कि उसके द्वारा निर्मित यह नैजल वैक्सीन बच्चों के लिए सुरक्षित, सहन करने योग्य है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इंट्रानैजल वैक्सीन नाक व फेफड़ों में मजबूत प्रतिरक्षा तंत्र का निर्माण करेगी। इससे वायरस संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा में मदद मिलेगी।
भारत बायोटेक ने स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन का निर्माण कर देश में इस महामारी के खिलाफ जंग में बड़ी कामयाबी हासिल की है। हाल में डीसीजीआई ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को बाजारों में बिक्री की मंजूरी भी दी है। हालांकि ये मंजूरी कुछ शर्तों के साथ दी गई है। इसके तहत ये वैक्सन मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलेगी बल्कि निजी और सरकारी अस्पतालों में दी जाएगी।