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    ‘पिनाक’ एक ऐसा हथियार जिसके बारे में सोच कांप उठते हैं दुश्मन

    Pinaka

    ‘DRDO ने ‘पिनाका’ नामक एक शक्तिशाली रॉकेट प्रणाली को विकसित किया है और इसे अब सेना के मुख्य हथियारों में से एक माना जा रहा है। इस प्रणाली के तीन वेरिएंट्स हैं, जिनमें पहला है ‘पिनाका एमके 1’। इसकी रेंज 40 किलोमीटर है, और यह एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को तबाह कर सकता है। ‘पिनाका’ शब्द का अर्थ है भगवान शिव के धनुष से, जिससे राक्षस और पापी भयभीत होते थे। यह रॉकेट एक खतरनाक हथियार है, जो सामने वाले को संभलने का मौका तक नहीं देता है।

    पिनाका की गति 5757 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक है, इसका मतलब यह है कि यह एक सेकेंड में 1.1 किलोमीटर की रफ़्तार से हमला कर सकता है। DRDO ने इसे तैयार किया है और इसे सेना के प्रमुख हथियारों में शामिल किया गया है। ‘पिनाका एमके 1’ में एक बैटरी और 6 लांचर होते हैं, जिसमें 72 ट्यूब्स हैं, और हर ट्यूब से एक रॉकेट दागा जाता है।

    इस प्रणाली ने विभिन्न रॉकेट सिस्टमों को पीछे छोड़ दिया है और इसकी रेंज 40 किलोमीटर के क्षेत्र को बर्बाद करने की क्षमता है। ‘पिनाका’ ने करगिल युद्ध के समय में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और घुसपैठिएँ और आक्रमणों के खिलाफ सफलता प्राप्त की है।

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    ‘DRDO ने ‘पिनाका’ नामक एक शक्तिशाली रॉकेट प्रणाली को विकसित किया है और इसे अब सेना के मुख्य हथियारों में से एक माना जा रहा है। इस प्रणाली के तीन वेरिएंट्स हैं, जिनमें पहला है ‘पिनाका एमके 1’ जिसकी रेंज 40 किलोमीटर है। इसके बाद दूसरा वेरिएंट 90 किलोमीटर की रेंज के साथ तीस मीटर तक सटीक निशाना लगा सकता है, जबकि तीसरा वेरिएंट 120 किलोमीटर की रेंज के साथ बढ़ाई जा रही है। इस प्रणाली की स्वाचालित और आक्रामक गुणवत्ता है, जो किसी भी तरह के टारगेट को तबाह कर सकती है, जैसे कि आदमी, गाड़ी, टैंक, बंकर, या बिल्डिंग।

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    भारत में रॉकेट का विकास 1780 के दशक में शुरु हुआ था, जब टीपू सुल्तान ने लोहे की नालियों में निर्मित धातु सिलेंडर के जरिए रॉकेट बनाए थे। पिनाका रॉकेट सिस्टम ने 44 संकेड में 12 रॉकेटों का एक सॉल्वो 44 सेकंड में प्रेषित करने की क्षमता है, जिससे 1000 गुना 800 मीटर के क्षेत्र को बर्बाद किया जा सकता है। प्रत्येक लॉन्चर एक अलग दिशा में फायर कर सकता है और इसे मैनुअल और ऑटोमेटिक फायर किया जा सकता है। इसका उपयोग किसी भी मौसम में किया जा सकता है और यह पिन पॉइंट सटीकता के साथ लक्ष्य को 75 किलोमीटर तक भेद सकता है।

    पिनाका रॉकेट लांचर सिस्टम ने करगिल युद्ध के दौरान घुसपैठियों और पाकिस्तानी सेना को खदेड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’

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