भाजपा सरकार ने राजस्थान में शासन का दायित्व सिर्फ दो महीने पहले संभाला है, लेकिन यह सरकार अपने वादों को पूरा करते हुए दिखाई दे रही है। गोतस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है, जिसका मुख्य कारण इसी तरह की गतिविधियों को रोकना है। पुलिस ने अलवर के जंगलों में पहाड़ी क्षेत्रों के बीच बसे क्षेत्रों में छापामारी की गई है और बड़े पैमाने पर गोमांस की तस्करी करने वाले अपराधी को गिरफ्तार किया है।
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गोतस्करों पर राजस्थान में कठोर कार्रवाई का दृश्य
राजस्थान में भाजपा सरकार को अभी दो महीने ही हुए हैं, लेकिन गोतस्करों पर लगातार कठोर कार्रवाई का दृश्य देखने को मिल रहा है। राजस्थान पुलिस ने अलवर में जंगलों के बीच बसे क्षेत्रों में छापामारी की गई और बड़ी स्थानीय स्तर पर गोमांस तस्करी के अड्डों को पकड़ा है। यह कार्रवाई किशनगढ़ बास क्षेत्र के रूंध गिदावड़ा क्षेत्र में की गई है। जयपुर आइजी रेंज उमेश चंद्र दत्ता और खैरतल-तिजारा एसपी सुरेंद्र सिंह आर्य ने मौके पर पहुंचकर गाेवंश के अवशेष देखे और गंभीरता से वातावरण का मूल्यांकन किया। आइजी ने गोतस्करी को संरक्षण देने के आरोप में किशनगढ़ बास थाना के एसएचओ दिनेश मीणा सहित पूरे 40 कर्मचारियों के स्टाफ को निलंबित कर दिया है।
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भाजपा सत्ता में आने के बाद गोतस्करों पर कड़ी कार्रवाई
गोतस्करी ने राजस्थान के विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बना था। अलवर के सांसद महंत बालकनाथ ने भी गोतस्करी के मुद्दों को उठाया था। वे तिजारा विधानसभा से चुनाव लड़ते समय रैलियों में भी गोतस्करों को चेतावनी दी थीं और पुलिस को भी निर्देशित किया था। लेकिन अब भाजपा सत्ता में है। इसके बाद, गोतस्करों पर कड़ी कार्रवाई देखने को मिल रही है।
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