1 अप्रैल, 2024 से सभी सोने और गहनों में हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (HUID) होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो सोने को बाजार में नहीं बेचा जा सकता है। 16 जून, 2021 से 288 जिलों में हॉलमार्क का उपयोग धीरे-धीरे अनिवार्य कर दिया गया है। अभी तक 4 और 6 अंकों के हॉलमार्क का उपयोग किया जाता है। उपभोक्ता मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने संवाददाताओं को बताया कि वर्तमान में 4 और 6 अंकों के हॉलमार्क का उपयोग किया जाता है।
मंत्रालय का कहना है कि अब केवल 6 अंकों वाला हॉलमार्क की मान्य होगा. सरकार के अनुसार, 4 और 6 अंकों यानी 2 अलग तरह के हॉलमार्क से लोगों को कंफ्यूजन हो रही थी। एक और हॉलमार्क के लिखने के तरीके में किया गया है। पहले डिजिट हॉलमार्किंग होती थी जिसे बदलकर अल्फान्यूमेरिक (अंक और अक्षर से मिलकर) कर दिया गया है। अब 4 डिजिट वाली हॉलमार्किंग पूरी तरह से बंद हो जाएगी।
क्या होता है HUID
यह हर आभूषण की अपनी विशिष्ठ पहचान होती है। इस नंबर की मदद से ग्राहक को गोल्ड और उसके आभूषण से जुड़ी सारी जानकारी मिल जाए। इससे धोखाधड़ी की आशंका को बहुत हद तक किया जा सकेगा। ज्वेलर्स को इसकी जानकारी बीआईएस के पोर्टल पर भी डालनी होगी। हर ज्वेलवरी पर मैनुअली यूनिक नंबर लगाया जाएगा। आपको बता दें कि दुकानदार नए हॉलमार्क के बिना सोना या गहना नहीं बेच पाएंगे लेकिन ग्राहक 1 अप्रैल के बाद भी पुराने हॉलमार्क वाले गहने ज्वेलर को बेच सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने की बैठक
खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में बीआईएस को परीक्षण के लिए आधारभूत ढांचा मजबूत करने के निर्देश दिए गए। बीआईएस को निर्देश दिया गया कि उत्पादों की जांच और बाजार की निगरानी को भी बढ़ा दिया जाए। बेहद छोटे स्तर पर क्वालिटी को बढ़ावा देने के लिए यह भी तय किया गया कि बीआईएस सर्टिफिकेशन या मिनिमम मार्किंग शुल्क पर 80 फीसदी तक की छूट देगा।