चीन का आर्थिक राजधानी शंघाई देश की कोरोना राजधानी भी बनती जा रही है।
मंगलवार को चीन में 1,908 कोविड पॉजिटिव सामने आए, जिनमें 1,661 अकेले शंघाई से हैं।
शंघाई में 52 लोगों की कोरोना से मौत की खबर सामने आई है।
तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने राजधानी बीजिंग में 2 करोड़ लोगों की कोरोना जांच का आदेश दिया है।
कोरोना के बढ़ते मामलों ने चीन की अर्थव्यस्था को भी बेहाल कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) चीन की जीरो कोविड पॉलिसी का हवाला देकर देश के डेवलपमेंट ग्रोथ 4.8% से घटाकर 4.4% कर दिया है। जो चीन के 5.5% अनुमान से काफी कम है।
चीन की अर्थव्यवस्था से टकरा रही एक बड़ी दीवा
एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन की अर्थव्यवस्था एक बड़ी दीवार से टकरा रही है।
एक साल से ज्यादा वक्त के बाद पहली देश की खपत में गिरावट आई है।
जबकि, 31 शहरों में बेरोजगारी रिकॉर्ड पर पहुंच गई है। एक्सपर्ट्स इस तिमाही में मंदी का अनुमान हैं।
कोरोना के साथ लॉकडाउन की दोहरी मार
सबसे ज्यादा बुरे हाल शंघाई के हैं। वहां लोगों को कोरोना के साथ लॉकडाउन की तकलीफ का भी सामना करना पड़ रहा है। शंघाई में रहने वाले 30 साल के एडम का कहना है कि लाखों परेशान लोगों के बीच मैं भी दाने-दाने के लिए परेशान हूं।
आज 26 दिन हो गए और बिल्डिंग के आठवें फ्लोर पर एक कमरे बंद हूं।
कचरा फेंकने तक के लिए बाहर नहीं जा सकता।
शंघाई के घरों में 2.5 करोड़ लोग बंद
शंघाई के 2.5 करोड़ लोग घरों में इसी तरह बंद हैं।
कोरोना के कारण लॉकडाउन में यह उस चीन की हकीकत।
जो पिछले एक साल से एक तरफ कोविड से एक भी मौत नहीं बता रहा था और दूसरी तरफ उसके शहरों में लॉकडाउन की हालत थी।