चीन पर अमेरिका की तकनीक चुराने के आरोप लंबे समय से लगते आए हैं. ताजा मामले की बात करें तो अमरीकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक पावर में काम करने वाले ज़ेंग शियाओचिंग ने जो जानकारी कंपनी से चुराई, वो गैस और भाप से चलने वाली टर्बाइन बनाने की डिज़ाइन से जुड़ी थी. GE अमेरिका की वो अहम कंपनी है, जिसे स्वास्थ्य, ऊर्जा और अंतरिक्ष के क्षेत्रों में बड़ी उपलब्धियों के लिए जाना जाता है.
करोड़ों-अरबों डॉलर की ये तकनीकी खुफिया जानकारी, जेंग ने चीन में बैठे अपने पार्टनर को भेजीं. आरोप सिद्ध हुए तो ये साफ हो गया कि अमरीकी कंपनी से चुराई गई इस तकनीक से शी जिनपिंग की सरकार और चीनी कंपनियों को तगड़ा फायदा होने जा रहा था. इसलिए जेंग को नए साल की शुरुआत में कड़ी कैद और भारी जुर्माने की सजा सुनाई गई.
अमरीकी अधिकारी, अब इस औद्योगिक जासूसी करने वालों के पूरे रैकेट को खंगाल रहे हैं. आपको बताते चलें कि इससे ठीक पहले नवंबर 2022 में एक पेशेवर जासूस बताए जा रहे चीनी नागरिक शू यानजुन को 20 साल कैद की सजा सुनाई गई थी. शू पर अमरीका के हवाई और अंतरिक्ष उद्योग की कई कंपनियों से गोपनीय तकनीकी जानकारियां चुराने का आरोप साबित हुआ था. इन्हीं कुछ कंपनियों में जनरल इलेक्ट्रिक भी शामिल है.
अमेरिकी खुफिया एजेंसी के अधिकारी क्रिस्टोफर रे ने कुछ समय पहले लंदन में कहा था कि, चीन का लक्ष्य पश्चिमी देशों की कंपनियों की बौद्धिक संपदा की ‘लूट-मार’ करना है, जिससे वो अपने औद्योगिक विकास को रफ़्तार दे सके और आख़िरकार, प्रमुख उद्योगों में अपना दबदबा क़ायम कर सके.’
क्रिस्टोफ़र रे ने चेतावनी दी थी कि चीन 2023 की शुरुआत होने से पहले ‘बड़े शहरों से छोटे क़स्बों तक, फ़ॉर्च्यून 100 कंपनियों से लेकर स्टार्ट अप तक, हवाई उद्योग से लेकर आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और दवा उद्योग तक’ में सेंधमारी करके हमारी तकनीकी चुराने में लगा है.