यूरोपीय आयोग ने घोषणा की है कि एयरलाइंस अपने विमानों में नवीनतम 5G तकनीक प्रदान करने में सक्षम होंगी. गवर्निंग बॉडी ने कहा है कि आयोग ने मोबाइल संचार ऑन-बोर्ड एयरक्राफ्ट के लिए स्पेक्ट्रम पर लागू करने के निर्णय को अपडेट किया, इन-फ्लाइट 5G तकनीक के लिए कुछ फ्रेक्वेंसी को डेजिगनेट किया है.
यूजर्स के लिए इसका क्या मतलब हुआ?
इसका मतलब ये हुआ कि EU में विदेशी फ्लाइट के यात्री अपने मोबाइल पर 5जी कॉल और इंटरनेट का उसी तरह उपयोग कर सकेंगे, जैसे कि वह जमीन पर करते हैं. हवा में यात्रा के दौरान यात्री पिको सेल से कनेक्ट कर सकेंगे, जो ऑन-ग्राउंड सेटेलाइट नेटवर्क के जरिये कनेक्ट होगा. सेवा स्पेशल नेटवर्क इक्यूपमेंट, जिसे ‘पिको-सेल’ कहा जा रहा है, इसका इस्तेमाल करके एक इक्यूप्ड एयरक्राफ्ट के केबिन के भीतर प्रदान की जाती है, जो यूजर और रूट कॉल, टेक्स्ट और डेटा को जोड़ने के लिए, आमतौर पर एक सेटेलाइट नेटवर्क के माध्यम से, हवाई जहाज और जमीन पर बने मोबाइल नेटवर्क के बीच होती है.
क्या सुरक्षित होगा हवाई जहाज में इंटरनेट चलाना?
टेलीग्राफ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने कहा कि फ्लाइट में 5G कनेक्टिविटी से सुरक्षा के लिहाज से कोई समस्या पैदा नहीं करेगी. क्योंकि यह कॉकपिट कम्यूनिकेशन के लिए पायलट द्वारा यूज की जा रही कनेक्टिविटी से अलग होगी.