• Fri. Nov 22nd, 2024

    हल्‍क, स्‍पाइडर मैन समेत कई और कैरेक्‍टर को जन्‍म देने वाले के बारे में कितना जानते हैं आप

    हिस्ट्री चैनल पर प्रसारित होने वाले शो ‘स्टेन ली के सुपरह्यूमन्स’ ने लोगों को असल दुनिया के सुपरहीरोज से परिचय कराया। स्टेन ली ने 2013 में पहली भारतीय सुपरहीरो फिल्म चक्र बनाई थी।

    स्टेन ली, ये नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। इन्हें दुनिया भर में स्पाइडर मैन, हल्क, एक्समैन, डेयरडेविल्स, फैन्टास्टिक फोर, आयरन मैन, थोर, डॉक्टर स्टैंज और कैप्टन अमेरिका जैसे कई सुपरहीरोज के भगवान के तौर पर जाना जाता है। स्टेन ली ने ही इन किरदारों को जन्म दिया, कभी हंसाया और कभी रुलाया। साथ ही हार कर जीतने की कला सिखाई। स्टेन ली के इन सुपरहीरोज की तरह उनकी खुद की कहानी भी काफी दिलचस्प और हैरतअंगेज है।

    न्यूयॉर्क में 28 दिसंबर 1922 को जन्मे स्टेन ली के माता-पिता रोमानिया मूल के यहूदी थे। इनकी मां का नाम सेलिया और पिता का नाम जैक था। स्टेन ली ने एक गरीब परिवार में जन्म लिया। वह अपने माता-पिता और नौ साल छोटे भाई लैरी के साथ एक कमरे के अपार्टमेंट में रहते थे। हालांकि बचपन से ही उन्हें पढ़ने और फिल्में देखने का बहुत शौक था। बताया जाता है कि उस वक्त महानायकों का किरदार निभाने वाले एरौन फ्लिन उनके पसंदीदा अभिनेता थे। जिस उम्र में लोग अपने करियर के बारे में नहीं सोचते हैं, तभी स्टेन ली ने सोच लिया था कि वह कभी एक महान अमेरिकी नॉवेल लिखेंगे, जो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध होगा।

    1961 में की थी मार्वल कॉमिक्स की शुरूआत
    स्टेन ली एक उम्दा अभिनेता होने के साथ-साथ बेहतरीन लेखक, निर्माता, प्रकाशक और संपादक भी थे। स्टेन ली को मुख्य तौर पर इनके सुपरहीरोज के लिए जाना जाता है। इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर प्रसिद्धि के कई रिकॉर्ड बनाएं। इनकी लगभग सभी फिल्में सुपरहिट रहीं हैं। फिल्मों के अलावा स्टेन ली ने कई पुस्तकें और उपन्यास भी लिखे। उन्होंने वर्ष 1961 में दि फैंटास्टिक फोर के साथ प्रसिद्ध मार्वल कॉमिक्स की शुरुआत की थी। यहीं से ‘स्पाइडर मैन’, ‘एक्स मैन’, ‘हल्क’, ‘आयरन मैन’, ‘ब्लैक पैंथर’, ‘थोर’, ‘डॉक्टर स्टैंज’ और ‘कैप्टन अमेरिका’ जैसे सुपरहीरोज का जन्म हुआ और पूरी दुनिया उनकी दीवानी हो गई।

    इसलिए नहीं कर सके वास्तविक नाम का इस्तेमाल
    स्टेन ली पूरा नाम स्टेन ली मार्टिन लाइबर था। हालांकि ये स्टेन ली के नाम से कॉमिक्स लिखते थे। इसकी वजह भी बड़ी हैरतअंगेज है। दरअसल स्टेन ली ने सोचा था कि जब वह कुछ बड़ा करेंगे तो अपना असली नाम इस्तेमाल करेंगे। इसलिए कॉमिक्स लिखते वक्त उन्होंने स्टेन ली नाम का प्रयोग किया। बाद में उनका यही नाम इतना प्रसिद्ध हुआ कि उनकी पहचान बन गया, लिहाजा स्टेन ली जैसा सोचा था वो अपने वास्तविक नाम का इस्तेमाल नहीं कर सके।

    शोक संदेश और सेना में स्लोगन भी लिखे
    स्टेन ली ने करियर की शुरूआत शोक संदेश लिखने से की थी। वर्ष 1939 में उन्होंने चाचा की मदद से टाइमली कॉमिक्स में बतौर अस्टिटेंट नौकरी शुरू की। यहां वह आर्टिस्टों के लिए पात्र में स्याही भरते थे। साथ ही वह कॉमिक्स में प्रूफ रीडिंग करते थे और दूसरे आर्टिस्टों के चित्रों से पेंसिल आदि के अतिरिक्त धब्बे साफ करने का काम करते थे। इसके बाद उन्हें टाइमली कॉमिक्स में ही टेक्स्ट फिलर बना दिया गया। कॉमिक्स का करियर उन्हें काफी पसंद था। वह इसी करियर में शिखर पर पहुंचना चाहते थे। हालांकि वर्ष 1942 में उन्होंने सेना में नौकरी शुरू कर दी। यहां भी उन्होंने अपनी लेखनी और क्रिएटिविटी को जारी रखा। सेना में भी वह मैनुअल्स और ट्रेनिंग फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखते थे। इतना ही नहीं युद्ध के दौरान उन्होंने सेना के लिए उत्साहवर्धक स्लोगन भी लिखे। इसके बाद उन्होंने कॉमिक्स लिखे, संपादक व प्रकाशक बने, टीवी शो भी होस्ट किए और सुपरहीरोज की सीरिज व फिल्मों में शानदार अभिनय भी किया।

    ये है स्टेन ली के सुपरहीरोज की खासियत


    स्टेन ली के सुपरहीरोज बहुत हद तक आम लोगों की तरह थे। वो आम इंसानों की तरह जीते, ईर्ष्या करते, गलतियां करते, गलतियां सुधारते और असीम शक्तियों वाले सुपरहीरोज होकर भी मानवीय थे। उनकी असीमित शक्तियां की भी एक सीमा थीं। ये सुपहीरोज किसी आम इंसान की तरह दुशी होते, गुस्सा करते और चिढ़ते भी थे। इन सुपरहीरोज का बचपन भी था। वह प्रेम भी करते थे और उनके भावनात्मक बंधन भी थे। शायद यही वजह है कि लोगों ने उन सुपरहीरोज को खुद से जोड़ लिया और वह इतने प्रसिद्ध हुए।

    ये है स्टेन ली का
    स्टेन ली ने वर्ष 2013 में पहली भारतीय सुपरहीरो फिल्म बनाई थी, जिसका नाम था चक्र। कार्टून नेटवर्क, ग्राफिक्स इंडिया एवं पाओ इंटरनेशनल की साझेदारी में बनी इस फिल्म ‘चक्र : द इंविंसिबल’ को कार्टून नेटवर्क पर रिलीज किया गया था। इस की लॉचिंग पर स्टेन ली ने कहा था कि वह इसी भारतीय सुपरहीरो को लॉच कर काफी उत्साहित हैं। चक्र एक युवा भारतीय राजू राय की कहानी पर आधारित है, जो मुंबई में रहता है। राजू और उनके मार्गदर्शक डॉ. सिंह एक ऐसी आधुनिक पोशाक विकसित करते हैं, जिसे पहनने से शरीर के रहस्यमयी चक्र सक्रिय हो जाते हैं।

    वास्तविक जीवन में भी खोजे सुपरहीरो
    स्टेन ली ने वास्तविक जीवन में भी कई सुपरहीरो की खोज की। हिस्ट्री चैनल पर प्रसारित होने वाले उनके शो ‘स्टेन ली के सुपरह्यूमन्स’ ने लोगों को असल दुनिया के सुपरहीरोज से परिचय कराया। इसमें उन्होंने ऐसे जीते-जागते इंसानों की डॉक्यूमेंट्री दिखाई जिनके पास अद्वितीय शक्तियां थीं। ये इंसान ऐसे काम कर सकते हैं, जिन्हें आम इंसान सोच भी नहीं सकता।

    स्टेन ली ने अपने अंतिम ट्वीट में दी थी सेना को बधाई
    अमेरिका में प्रत्येक वर्ष 11 नवंबर को सेना और शस्त्र बलों के के सेवानिवृत्त जवानों और अधिकारियों के सम्मान में वेटेरनस डे मनाया जाता है। अमेरिका में इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है। स्टेन ली खुद भी पूर्व में सेना में काम कर चुके थे, लिहाजा उनके दिल में सेना के प्रति विशेष सम्मान होना स्वाभाविक है। स्टेन ली ने अपना आखिरी ट्वीट अपनी मौत से ठीक एक दिन पहले वेटरनस डे से संबंधित किया था। अपने इस ट्वीट में उन्होंने सेना के दौरान की अपनी फोटो के साथ वेटरनस डे की बधाई देते हुए लिखा है, ‘अमेरिका के सभी पूर्व सैनिकों का उनकी सेवाओं के लिए शुक्रिया। दिलचस्प तथ्यः द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान स्टेन का यूएस आर्मी टाइटल प्ले राइटर था।’

     

     

    Share With Your Friends If you Loved it!

    By admin

    Administrator

    Comments are closed.