बोस्टन, प्रेट्र। दुनिया भर के वैज्ञानिक रोबोटिक्स के क्षेत्र में तेजी से विकास करने में निरंतर प्रयासरत हैं। वे ऐसे रोबोट तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं, जो हमारे रोजमर्रा के कई कार्यों में सहयोगी बन सकें, जिससे हमारा जीवन आसान हो सके। इसी के तहत वैज्ञानिक लगातार रोबोट को नई खूबियों से लैस करते जा रहे हैं। हाल ही में ऐसी तकनीक को विकसित करने का दावा किया गया है, जिससे भावी रोबोट्स में सूंघने की शक्ति कुत्तों से भी तेज होगी। अब एक कदम आगे बढ़ते हुए वैज्ञानिकों ने रोबोट्स में छूने का एहसास विकसित करने का मार्ग भी तलाश लिया है।
दरअसल, स्टैनफोर्ड के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे इलेक्ट्रॉनिक दस्ताने तैयार कर लिए हैं, जिनमें सेंसर लगे हुए हैं। वैज्ञानिकों का दावा है कि इन दस्तानों की मदद से भविष्य में तैयार होने वाले रोबोट के हाथ तैयार किए जा सकेंगे, जिससे वे इंसानों की तरह छूने का अहसास कर सकेंगे
साइंस रोबोटिक्स नामक जर्नल में इस शोध को प्रकाशित किया गया है। इसमें बताया गया है कि जांच के दौरान सेंसर वाले इन दस्तानों ने प्रयोगशाला में शानदार परिणाम दिए। इसने नाजुक बेरी और पिंगपांग बॉल को अच्छे से संभाला और वो भी बिना कस के दबाए।
अमेरिका स्थित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनान बाओ के मुताबिक, इस तकनीक ने हमें रोशनी की एक किरण दिखाई है। इसकी मदद से एक दिन हम ऐसा रोबोट विकसित कर सकेंगे, जिसमें किसी चीज को छूने, अहसास करने और संभालने की क्षमता इंसानों की तरह होगी।
बनाया जाएगा मानव त्वचा के जैसा
वैज्ञानिक इस दिशा में काम कर रहे हैं कि इस दस्ताने को हूबहू मानव त्वचा की तरह तैयार किया जा सके। इसके लिए वह इसमें चीजों को छूने का अहसास कराने में सक्षम बना रहे हैं। वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही वे अपना शोध पूरा कर लेंगे और भविष्य में ऐसे रोबोट तैयार किए जा सकेंगे, जिनके हाथों में इंसानी हाथों की खूबियां होंगी।
इस तरह करता है काम
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस दस्ताने को कई खूबियों से लैस किया गया है। दस्ताने की अंगुलियों पर लगे सेंसर दबाव की तीव्रता और दिशा को एक साथ मापने में सक्षम हैं। इसके साथ ही ये सेंसर खुद में इतने सक्षम हैं कि पता लगा सकते हैं कि किसी चीज को कितने दबाव से पकड़ना है।
बेहतर बनाने के दिशा में किए जा रहे प्रयास
वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रयोगशाला में भले ही इस तकनीक से तैयार दस्तानों ने अच्छे परिणाम दिए हैं, लेकिन अभी इस पर काफी काम किया जाना बाकी है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह सेंसर स्वचालित रूप से एकदम सटीक काम करें, इसके लिए कुछ सुधार की जरूरत है। इसकी वजह है कि इनसे रोबोट के हाथ बनाने हैं।
वैज्ञानिक कहते हैं कि यह तकनीक इतनी सटीक होनी चाहिए कि रोबोट अपने अंगूठे और पहली दो अंगुलियों की मदद से अंडे को पकड़ने में सक्षम हो सके। यदि रोबोट अंडे को कस के पकड़ेगा तो वह फूट जाएगा और अगर हल्के बल से पकड़ेगा तो फिसल जाएगा। इसलिए यह तकनीक पूरी तरह से सटीक होनी चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि यह किसी चीज को छूकर उसका अहसास कर सके। पता लगा सके कि वह जिस चीज को पकड़ रहा है वह कितनी नाजुक है।
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