• Mon. Dec 23rd, 2024

    चीन में 1961 के बाद पहली बार देश की आबादी घटी

    China's population

    1961 के बाद से यह पहली बार है कि चीन की जनसंख्या में कमी आई है। जनसंख्या में गिरावट जन्म दर, आप्रवासन और मृत्यु सहित कई कारकों के कारण होने की संभावना है। चीन की आबादी वर्तमान में लगभग 1.3 अरब लोगों की है।

    चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने कहा कि 2022 के अंत में देश में 1.41175 बिलियन लोग थे, जबकि एक साल पहले यह 1.41260 बिलियन था। पिछले साल की जन्म दर प्रति 1,000 लोगों पर 6.77 जन्म थी, जो 2021 में 7.52 जन्म की दर से कम है और रिकॉर्ड पर सबसे कम जन्म दर है।

    मृत्यु दर और जनसंख्या गिरावट का विश्लेषण

    चीन ने 1976 के बाद से अपनी उच्चतम मृत्यु दर दर्ज की, 2021 में 7.18 मौतों की दर की तुलना में प्रति 1,000 लोगों पर 7.37 मौतें दर्ज कीं। अधिकांश जनसांख्यिकीय गिरावट चीन की एक-बच्चे की नीति का परिणाम है जो उसने 1980 और 2015 के बीच लागू की थी। आकाश-उच्च शिक्षा की लागत जिसने कई चीनी लोगों को एक से अधिक बच्चे पैदा करने या यहां तक कि एक भी बच्चा पैदा करने से रोक दिया है।

    चीन को अब अपनी घटती आबादी और कम होती जनसंख्‍या से बहुत टेंशन में है और उसे यह डर सता रहा है कि दुनिया की फैक्‍ट्री का तमगा उससे छिन सकता है। दरअसल, चीन सस्‍ती मजदूरी के बल पर पिछले कई सालों से दुनिया की फैक्‍ट्री बना हुआ है लेकिन कम आबादी उसके लिए संकट बन गई है। यही नहीं जो उसकी काम करने वाली आबादी है, वह बुजुर्ग होती जा रही है। इसी को देखते चीन अब कई तरह की प्रोत्‍साहन स्‍कीम चला रहा ताकि बच्‍चों को पालने में लोगों को कम खर्च आए और वे ज्‍यादा से ज्‍यादा बच्‍चे पैदा करें।

    10 लाख कम पैदा हुए बच्‍चे

    चीन की आबादी के बढ़ने की दर इस साल 1000 लोगों में 6.77 रही जो पिछले साल 7.52 थी। चीन में इस साल पिछले साल की अपेक्षा 10 लाख बच्‍चे कम पैदा हुए हैं। चीन जहां घटती आबादी से परेशान है, वहीं भारत की आबादी लगातार बढ़ रही है और यहां युवा जनसंख्‍या की संख्‍या काफी ज्‍यादा है। इससे भारत दुनिया के लिए सस्‍ता श्रम बाजार बन सकता है।

    Share With Your Friends If you Loved it!