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    आर्ट ऑफ लिविंग के फाउंडर को द ऑनरेरी ऑर्डर ऑफ द यलो स्टार अवॉर्ड, इसे पाने वाले पहले एशियाई

    भारत के आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर को सूरीनाम ने अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है। ‘ग्रैंड कॉर्डन-द ऑनरेरी ऑर्डर ऑफ द यलो स्टार’ पाने वाले वे पहले एशियाई हैं। आर्ट ऑफ लिविंग के फाउंडर श्रीश्री रविशंकर को ये सम्मान उनके मानवतावादी कार्यों के लिए दिया गया है। सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने शुक्रवार को उन्हें सम्मानित किया।

    चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने कहा कि हम आपके आभारी हैं कि वर्तमान और भविष्य में आने वाली पीढ़ियां आपके दिए ज्ञान का अनुसरण करेंगी। आप शांति और सामंजस्य के मार्ग पर हम सभी का निर्देशन करें। सूरीनाम के लोग पूरे हृदय से आपका स्वागत करते हैं।

    पहली बार है कि किसी आध्यात्मिक गुरु को इससे सम्मानित किया गया

    सम्मान समारोह का आयोजन राष्ट्रपति निवास में किया गया। अब तक यह सम्मान राज्य के प्रमुख व्यक्तियों को ही दिया गया है। ऐसा पहली बार है कि किसी आध्यात्मिक गुरु को इससे सम्मानित किया गया है। समारोह में सूरीनाम में भारत के राजदूत डॉ. शंकर बालचंद्रन भी मौजूद रहे। श्रीश्री रविशंकर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मैं इस सम्मान का श्रेय आर्ट ऑफ लिविंग के शिक्षकों और स्वयंसेवकों को देना चाहता हूं, जिन्होंने देश में इतनी सराहनीय सेवा की है। मैं इस सम्मान के लिए राष्ट्रपति और जजों को धन्यवाद देना चाहता हूं।

    21 साल बाद सूरीनाम गए श्रीश्रीरविशंकर

    श्रीश्री रविशंकर 21 साल बाद दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र की यात्रा पर गए हैं। सूरीनाम के रक्षामंत्री ने उनका स्वागत किया। सुबह वे देश के प्रमुख कारोबारियों से मिले और कार्य क्षेत्र में मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए आध्यात्म की महत्ता पर बातचीत की। शाम को उनका पैरामारीबो के एंथोनी नेस्टी स्पोर्थल राष्ट्रीय इंडोर स्टेडियम में संबोधन किया। उनकी मौजूदगी में हजारों लोगों ने ध्यान किया। राष्ट्रपति ने आई स्टैंड फॉर पीस की शपथ ली।

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