सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के पूर्व अध्यक्ष और सीईओ ओसामु सुजुकी का बुधवार को 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। निधन का कारण मैलिग्नेंट लिम्फोमा बताया गया है। कंपनी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। ओसामु ने चार दशकों तक कंपनी का मार्गदर्शन किया और सुजुकी को एक वैश्विक कंपनी बना दिया। भारत में सुजुकी की मजबूत स्थिति स्थापित करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। ओसामु 1978 से 2021 तक 91 वर्ष की आयु तक सुजुकी कंपनी के अध्यक्ष, चेयरमैन और सीईओ रहे। उनके नेतृत्व में कंपनी की बिक्री 300 अरब येन (1.9 अरब डॉलर) से बढ़कर 3 ट्रिलियन येन तक पहुंच गई, जो उनकी दूरदर्शिता का प्रतीक है।
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ओसामु सुजुकी का जन्म 30 जनवरी, 1930 को जापान के गिफू प्रांंत में हुआ था। 1958 में सुजुकी परिवार की बेटी से शादी के बाद वह सुजुकी मोटर कंपनी में शामिल हुए। उन्होंने अपनी पत्नी का पारिवारिक नाम ‘सुजुकी’ अपनाया। उनकी पत्नी तत्कालीन अध्यक्ष शुंजो सुजुकी की बेटी थीं। 1978 में वह कंपनी के प्रेसीडेंट बने। उन्होंने 1920 में सुजुकी लूम मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी के रूप में शुरू हुई कंपनी को जापान के प्रमुख ऑटोमेकर में से एक बना दिया।
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सुजुकी की वैश्विक रणनीति: छोटे और किफायती बाजारों पर ध्यान
जहां कई जापानी ऑटो निर्माता अमेरिका और चीन के बाजारों पर फोकस कर रहे थे, वहीं सुजुकी ने भारत, दक्षिण पूर्व एशिया और हंगरी जैसे क्षेत्रों में छोटी और किफायती कारों के उत्पादन पर ध्यान दिया। इस रणनीति ने कंपनी को उन बाजारों में सफलता दिलाई जहां किफायत और दक्षता महत्वपूर्ण थी। हालांकि, बड़ी गाड़ियों की मांग को देखते हुए सुजुकी मोटर 2012 में अमेरिका और 2018 में चीन के ऑटोमोबाइल बाजार से बाहर निकल गई। इन चुनौतियों के बावजूद कंपनी ने अन्य प्रमुख क्षेत्रों में अपनी पकड़ बनाए रखी और ओसामु सुजुकी के नेतृत्व में विकास किया।
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ओसामु सुजुकी का नेतृत्व और उत्तराधिकारी की नियुक्ति
ओसामु सुजुकी ने 2015 में अध्यक्ष पद छोड़ दिया था। उन्होंने अपने बेटे तोशिहिरो सुजुकी को कंपनी की बागडोर सौंप दी थी। लेकिन, 2021 तक चेयरमैन के रूप में कंपनी को दिशा देते रहे। उनके नेतृत्व में सुजुकी मोटर की सहायक कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारतीय कार बाजार में 41.7 फीसदी हिस्सेदारी बनाए रखी। यह अपने निकटतम प्रतिद्वंदी हुंडई मोटर कंपनी से काफी आगे थी। उसकी हिस्सेदारी 14.6 फीसदी थी।
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सुजुकी मोटर ने अपनी पर्यावरणीय तकनीकों को बेहतर बनाने के लिए 2009 में फॉक्सवैगन एजी (Volkswagen AG) के साथ व्यापारिक गठबंधन किया। हालांकि, नियंत्रण को लेकर विवादों के बाद 2015 में यह साझेदारी टूट गई। बाद में CASE (कनेक्टेड, ऑटोनॉमस, शेयर्ड और इलेक्ट्रिक) तकनीकों की ओर उद्योग के बढ़ते रुझान को देखते हुए सुजुकी ने 2019 में टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन के साथ एक गठबंधन बनाया। इसका उद्देश्य सेल्फ-ड्राइविंग वाहनों का सह-विकास करना था।