रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत सरकार ने 20 हजार भारतीयों को बाहर यूक्रेन से निकाला के लिए ऑपरेशन गंगा चलाया, जिसके तहत अब तक 18 हजार से ज्यादा भारतीयों की वतन वापसी हो चुकी है। यूक्रेन के बॉर्डर पर पहुंचे अधिकारियों ने पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और अन्य देशों के स्टूडेंट्स को भी वॉर जोन से निकलने में मदद की। उन्हीं में से एक पाकिस्तान की अस्मा शफीक भी रहीं।
वहीं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत यूक्रेन से 9 बांग्लादेशी नागरिकों को बचाने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है। ऑपरेशन के दौरान भारतीयों के अलावा नेपाल और ट्यूनीशिया के छात्रों को भी रेस्क्यू कर निकाला गया है।
यूक्रेन से निकाला अस्मा बोलीं मुश्किल में फंसी थी
अस्मा ने कीव के भारतीय दूतावास और प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा किया है। अस्मा का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे युद्ध से जूझ रहे यूक्रेन से उन्हें बाहर निकालने के लिए धन्यवाद दे रही हैं। वीडियो में अस्मा कह रही हैं कि उन्हें भारतीय अधिकारियों ने बचा लिया है और वे पश्चिमी यूक्रेन के रास्ते में है। जल्द ही अपने परिवार से मिल जाएंगी।
न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि तुर्की और बांग्लादेश के लोगों ने भी यूक्रेन से निकलने में तिरंगे को अपनी ढाल बनाया था।
पाकिस्तानी स्टूडेंट ने उड़ाई थी इमरान की खिल्ली
पिछले हफ्ते यूक्रेन में फंसी एक पाकिस्तानी छात्रा ने ऑपरेशन गंगा की तारीफ करते हुए वीडियो ट्वीट कर कहा था
हमसे बेहतर तो इंडिया है। यहां फंसे इंडियंस को कोई दिक्कत नहीं हो रही, उन्हें अपने मुल्क ले
जाया जा रहा है। हमें पाकिस्तानी होने का नुकसान हो रहा है।
सुमी में फंसे स्टूडेंट भी निकाले गए
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक दिन पहले ट्वीट करके बताया कि यह बताते हुए खुशी हो रही
है कि सुमी से सभी 694 भारतीय छात्रों को बाहर निकालने में सफलता मिल गई है। वे सभी पोल्टावा
के रास्ते में हैं, जहां से वे पश्चिमी यूक्रेन के लिए ट्रेन से रवाना होंगे।
यूक्रेन के पड़ोसी देशों से भारतीयों को लाने के मिशन को ऑपरेशन गंगा नाम दिया गया है। इसमें
से हंगरी और पोलैंड से एयरलिफ्ट का काम पूरा हो गया है। इंडियन एयरफोर्स ने भी ऑपरेशन गंगा में
भाग लिया। एयरफोर्स के C-17 ग्लोबमास्टर की 10 उड़ानों से 2056 यात्रियों को वापस लाया गया।