इजरायल-हमास युद्ध के चौथे महीने की शुरुआत हो चुकी है और इस दौरान गाजा में हो रही आम फिलिस्तीनियों की मौत पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। भारत ने गाजा में हो रही आम नागरिकों की मौत को अस्वीकार्य और निंदनीय बताया है। संयुक्त राष्ट्र के मंच पर भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कांबोज ने बताया कि 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर आतंकी हमला किया था और इसकी जिम्मेदारी उस पर है।
Also read:Mukesh Ambani announced the establishment of Reliance factory
भारत ने इस मामले में एक सख्त स्थान लिया है और फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत को लेकर निर्दोषता की भारत ने दिखाई है। भारत ने यह भी बताया है कि वह इजरायल और फिलस्तीन के नेताओं के साथ संपर्क में रहा है और पश्चिम एशिया में तनाव को बढ़ाने से बचाव कर रहा है। भारत ने स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया है कि उसका उद्देश्य मानवीय सहायता की निरंतर आपूर्ति और शांति स्थापित करने के लिए सहायता करना है।
कंबोज का भारत के लिए स्पष्ट समर्थन: हमास के हमले पर संयुक्त राष्ट्र में दिया महत्वपूर्ण बयान
रुचिरा कांबोज ने 7 अक्टूबर को हुए हमास के आतंकी हमले पर भारत का कड़ा खिलाफत दिखाते हुए कहा है कि भारत बंधक बनाए गए लोगों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग करता है। उन्होंने 193 सदस्यीय यूएनजीए को बताया कि “भारत का नेतृत्व इजरायल और फलस्तीन सहित क्षेत्र के नेताओं के साथ लगातार संपर्क में है” और इस संबंध में भारत का स्पष्ट संदेश है।
Also read:Ram Mandir: रामनगरी के 3500 वर्षों के मिले पौराणिक सबूत
कंबोज ने मानवीय सहायता की निरंतर आपूर्ति को सुनिश्चित करने और शांति एवं स्थिरता की शीघ्र बहाली के लिए तनाव को रोकने की महत्वपूर्णता पर बातचीत की और कहा, “बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।”
महासभा की बैठक को मंगलवार को बुलाया गया था, जिसमें पूरे गाजा पट्टी में मानवीय सहायता की आपूर्ति को लेकर 22 दिसंबर, 2023 को सुरक्षा परिषद में पेश एक प्रस्ताव में रूस द्वारा प्रस्तावित संशोधन पर अमेरिका द्वारा वीटो का इस्तेमाल किया गया था।
Also read:No Snow in Kashmir Disappoints Tourists’ Expectations.