पाकिस्तान की अपनी आर्थिक स्थिति भले ही बहुत खराब हो, लेकिन जब भारत से मुकाबला होता है तो वह किसी लिहाज से कमतर नहीं दिखना चाहता। इसकी एक बानगी भारत की ईरान के चाबहार पोर्ट के जरिये समूचे मध्य एशियाई और यूरोपीय बाजार तक पहुंच बनाने की योजना के मुकाबले पाकिस्तान की तैयारी से दिखती है। गुरुवार को चाबहार दिवस पर भारत ने अपनी बहुप्रतीक्षित कनेक्टिविटी योजना इंटरनेशनल नार्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कारीडोर (आइएनएसटीसी) को चाबहार से जोड़ने का प्रस्ताव किया।
दूसरी तरफ गुरुवार को पाकिस्तान की महत्वाकांक्षी इस्लामाबाद-तेहरान- इस्तांबुल रेल परियोजना की शुरुआत हो गई। बेहद खस्ताहाल आर्थिक हालात से गुजर रहा पाकिस्तान इस रेल मार्ग को चीन से भी जोड़ने की योजना पर काम कर रहा है। गुरुवार को भारत सरकार ने चाबहार दिवस का आयोजन किया जिसमें अफगानिस्तान, आर्मेनिया, ईरान, कजाखिस्तान, रूस और उज्बेकिस्तान सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने हिस्सा लिया।
इसके एक सत्र को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चाबहार पोर्ट के लेकर भारत की भावी योजना का खाका पेश किया। उन्होंने कहा कि आइएनएसटीसी के दूसरे सदस्य देशों के समक्ष भारत ने इस अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी परियोजना को चाबहार पोर्ट से जोड़ने का प्रस्ताव रखा है। भारत इस योजना में मध्य पूर्व और एशिया के दूसरे देशों को भी जोड़ना चाहता है।