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    आतंक के लिए बच्चों व महिलाओं का इस्तेमाल कर रहा पाकिस्तान

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    श्रीनगर स्थित 15 कोर यानी चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीपसिंह औजला ने बताया कि सुरक्षा बलों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार बैठे दहशतगर्द मौजूदा शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने के लिए साजिश रचने में जुटे हैं।

    जम्मू-कश्मीर में अमन-चैन और तेज गति से हो रहे विकास से बौखलाये पाकिस्तान ने आतंक फैलाने के लिए बच्चों व महिलाओं को आतंकी नेटवर्क से जोड़ा है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकवादी समूह इनका इस्तेमाल आतंकियों के पास संदेश और हथियार पहुंचाने में कर रहे हैं।

    इस तरह के कुछ मामलों में संदिग्धों को पकड़कर सेना ने पाकिस्तान की इस खतरनाक साजिश का पर्दाफाश किया है। श्रीनगर स्थित 15 कोर यानी चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीपसिंह औजला ने बताया कि सुरक्षा बलों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

    नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार बैठे दहशतगर्द मौजूदा शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने के लिए साजिश रचने में जुटे हैं। औजला ने बताया, हम नया खतरा देख रहे हैं, जिसमें महिलाओं, लड़कियों और किशोरों को संदेश पहुंचाने, ड्रग्स या हथियार तस्करी करने में इस्तेमाल किया जा रहा है।

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    आतंकवादी कहे जाने वाले कुछ बुरे लोग एक-दूसरे से बात करने के सामान्य तरीकों का इस्तेमाल करने से बचने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे उन्हें रोकना हमारे लिए कठिन हो रहा है। लेकिन हम अभी भी उन्हें पकड़ने के तरीके खोजने के लिए अन्य समूहों के साथ काम कर रहे हैं।

    केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासन के साथ मिलकर सेना ने युवाओं को कट्टरपंथ के रास्ते से दूर रखने की रणनीति बनाई है जो सफल हो रही है। इस रणनीति के तहत ‘सही रास्ता’ कार्यक्रम जैसी कई पहल की गई है, जो हाल के समय में गेम चेंजर साबित हुई है।

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