पांच राज्यों में चुनाव खत्म होते ही तेल के दाम बढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। तेल कंपनियों ने कीमतें लगातार दूसरे दिन बढ़ा दी हैं। बुधवार को दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के दाम 80 पैसे और मुंबई में 85 पैसे बढ़ गए। इस बढ़ोत्तरी के बाद अंडमान और निकोबार के पोर्ट ब्लेयर में पेट्रोल सबसे सस्ता यानी 84.30 पेट्रोल-डीजल के रुपए प्रति लीटर और डीजल 78.52 रुपए मिलेगा। महाराष्ट्र के परभणी में पेट्रोल 114.80 और डीजल 97.44 रुपए लीटर बिक रहा है।
मंगलवार को भी डीजल-पेट्रोल के दाम 80 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए थे। वहीं, घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में भी 50 रुपए का इजाफा कर दिया गया था। रूस-यूक्रेन जंग के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण तेल कंपनियों पर पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने को लेकर दबाव बना हुआ है। ऐसे में आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल 20 रुपए प्रति तक महंगे हो सकते हैं।
पेट्रोल-डीजल के कहां कितने पैसे बढ़े
दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के दाम 80 पैसे बढ़े हैं। मुंबई में 85 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। चेन्नई में पेट्रोल के दाम 75 पैसे और डीजल के दाम 76 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं। कोलकाता में 83 पैसे की बढ़ोतरी पेट्रोल में और डीजल में 80 पैसे की बढ़ोतरी हुई है।
पिछले 137 दिनों से तेल की कीमतें स्थिर थीं। चुनाव से पहले कीमतें कम करना,
चुनाव के दौरान कीमतों का स्थिर रहना और चुनाव के नतीजे आने के बाद कीमतें बढ़ना
आम बात है। यह ट्रेंड पिछले 5 साल से बना हुआ है
कैसे तय होती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें?
जून 2010 तक सरकार पेट्रोल की कीमत निर्धारित करती थी और हर 15 दिन में इसे बदला जाता था।
26 जून 2010 के बाद सरकार ने पेट्रोल की कीमतों का निर्धारण ऑयल कंपनियों के ऊपर छोड़ दिया। इसी
तरह अक्टूबर 2014 तक डीजल की कीमत भी सरकार निर्धारित करती थी, लेकिन 19 अक्टूबर 2014 से सरकार ने
ये काम भी ऑयल कंपनियों को सौंप दिया।
अभी ऑयल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमत, एक्सचेंज रेट, टैक्स, पेट्रोल-डीजल के
ट्रांसपोर्टेशन का खर्च और बाकी कई चीजों को ध्यान में रखते हुए रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमत निर्धारित करती
हैं। भारत अपनी तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर 85 फीसदी निर्भर है। आम तौर
पर कच्चा तेल 1 डॉलर प्रति बैरल महंगा होने पर देश में पेट्रोल-डीजल के दाम औसतन 55
60 पैसे प्रति लीटर बढ़ जाते हैं।