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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर मॉरीशस पहुंचे। पोर्ट लुईस में उनका भव्य और गर्मजोशी से स्वागत किया गया। मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम समेत अन्य प्रमुख हस्तियों ने उनका स्वागत किया। पीएम नवीन ने मोदी को माला पहनाई और गले लगाकर उनका अभिनंदन किया। पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।

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    विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी

    पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम के साथ उप प्रधानमंत्री, मॉरीशस के मुख्य न्यायाधीश, नेशनल असेंबली के स्पीकर, विपक्ष के नेता, विदेश मंत्री, कैबिनेट सचिव, ग्रैंड पोर्ट डिस्ट्रिक्ट काउंसिल के अध्यक्ष और कई अन्य लोग भी मौजूद थे। 

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    जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट पर कुल 200 गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे, जिनमें सांसद, विधायक, राजनयिक दल और धार्मिक नेता शामिल थे। अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी द्वीपीय देश के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे और देश के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक करेंगे।

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    पीएम मोदी की यात्रा के उद्देश्य और संभावित समझौते

    भव्य स्वागत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘मॉरीशस पहुंच गया हूं। मैं अपने मित्र प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम का हवाई अड्डे पर स्वागत करने के लिए आभारी हूं। यह यात्रा एक मूल्यवान मित्र से मिलने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के नए रास्ते तलाशने का एक शानदार अवसर है। आज मैं राष्ट्रपति धरम गोखूल और प्रधानमंत्री रामगुलाम से मिलूंगा और शाम को एक सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करूंगा।’

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    पीएम मोदी की मोदी की यह यात्रा मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम के निमंत्रण पर हो रही है। यात्रा के दौरान दोनों देश दक्षता विकास, व्यापार और सीमा पार वित्तीय अपराधों से निपटने के क्षेत्रों में सहयोग के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे।

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    सागर विजन के तहत साझेदारी को मजबूत करने पर जोर

    मॉरीशस रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने सोमवार को कहा था कि उनकी यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नया और उज्ज्वल अध्याय जोड़ेगी। पीएम मोदी मॉरीशस के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे, प्रधानमंत्री के साथ बैठक करेंगे और द्वीपीय राष्ट्र के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों, राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ भी बैठक करेंगे। वह भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ भी बातचीत करेंगे तथा सिविल सेवा कॉलेज और क्षेत्रीय स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन करेंगे, जिनका निर्माण भारत की अनुदान सहायता से किया गया है।

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    ‘सागर विजन’ के तहत सहयोग बढ़ाने का उद्देश्य

    पीएम मोदी ने मॉरीशस रवाना होने से पहले जारी एक बयान में कहा, ‘मैं अपने ‘सागर विजन’ के तहत अपने लोगों की प्रगति और समृद्धि के साथ-साथ हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा और विकास के लिए अपनी स्थायी मित्रता को मजबूत करने तथा अपने सभी पहलुओं में अपनी साझेदारी को बढ़ाने के उद्देश्य से मॉरीशस नेतृत्व के साथ जुड़ने के अवसर की प्रतीक्षा में हूं।’ ‘सागर’ से आशय ‘सेक्युरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन’ (क्षेत्र में सबके लिये सुरक्षा और विकास) से है। भारतीय सशस्त्र बलों की एक टुकड़ी, भारतीय नौसेना का एक युद्धपोत और भारतीय वायु सेना की आकाश गंगा ‘स्काईडाइविंग टीम’ (मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस) समारोह में भाग लेगी।

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    पीएम मोदी ने कहा, ‘हिंद महासागर में मॉरीशस एक करीबी समुद्री पड़ोसी, एक प्रमुख साझेदार और अफ्रीकी महाद्वीप का प्रवेश द्वार है। हम इतिहास, भूगोल और संस्कृति से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।’ उन्होंने कहा कि गहरा आपसी विश्वास, लोकतंत्र के मूल्यों में साझा विश्वास और अपनी विविधता पर गर्व हमारी ताकत है। पीएम मोदी ने आखिरी बार 2015 में मॉरीशस का दौरा किया था।

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    27 साल पहले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में मॉरीशस गए थे

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माॅरिशस यात्रा को कारोबारी व रणनीतिक कारणों से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर कुछ पुरानी तस्वीरें साझा कर अपनी 27 साल पहले मॉरिशस यात्रा की यादें साझा की हैं। पीएम मोदी तब भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव हुआ करते थे और पार्टी की ओर से अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन में हिस्सा लेने मॉरीशस के मोका गए थे।

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    पीएम मोदी ने पोस्ट में लिखा कि भारत और मॉरीशस के बीच इतिहास, वंश, संस्कृति, भाषा और हिंद महासागर का गहरा संबंध है। 1998 में जब वह वहां गए तो मिनी इंडिया में घर वापसी जैसा महसूस हुआ। एक सदी पहले भारतीय मजदूर अपने साथ श्रीरामचरितमानस, हनुमान चालीसा और हिंदी भाषा लेकर गए थे।

    27 साल पहले, 2 से 8 अक्तूबर 1998 के बीच, पीएम मोदी ने मोका में अंतरराष्ट्रीय रामायण कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया था। उन्होंने भगवान श्रीराम के सार्वभौमिक मूल्यों पर बात की और बताया कि रामायण भारत और मॉरीशस के बीच सभ्यतागत सेतु का काम करती है। उस यात्रा में उनकी मुरली मनोहर जोशी से भी मुलाकात हुई थी।

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    मॉरीशस भारत में विदेशी निवेश का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है

    मॉरीशस में 12 मार्च को राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। भारत और मॉरीशस के बीच समुद्री सुरक्षा, विकास, क्षमता निर्माण में करीबी सहयोग है और लोगों के आपसी संबंधों काफी मजबूत हैं। यह नजदीकी खासकर उन विकास परियोजनाओं में दिखती है, जो भारत की मदद से मॉरीशस में बनाई गई हैं। भारत मॉरीशस का एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार है। 2023-24 में मॉरीशस, सिंगापुर के बाद भारत में विदेशी निवेश का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है। 

    दोनों देशों ने फरवरी 2021 में एक व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते (सीईसीपीए) पर हस्ताक्षर किए थे, जो दोनों देशों के बीच 15 वर्षों की वार्ता के बाद हुआ था। यह भारत और किसी अफ्रीकी देशे के बीच पहला व्यापारिक समझौता था। 

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    One thought on “PM मोदी का मॉरीशस में भव्य स्वागत”

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