PM नरेंद्र मोदी दो दिनों के भूटान दौरे पर पहुंच गए हैं। उन्हें भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने पारो हवाईअड्डे पर उनका गले मिलकर हार्दिक स्वागत किया। उन्हें गार्ड ऑफ़ ऑनर भी दिया गया। भूटान के लोगों का कहना है कि वे मोदी के दौरे से बेहद खुश हैं। भारत और भूटान के रिश्ते पहले से ही मजबूत हैं, और मोदी का दौरा इन रिश्तों को और भी मजबूत बनाएगा। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक PM मोदी 22-23 मार्च को भूटान में रहेंगे। पहले उनका दौरा 21-22 मार्च को होने वाला था। यह भूटान के पारो एयरपोर्ट पर मौसम की स्थिति खराब होने के चलते रद्द हो गया था।
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टोबगे के न्यौते पर पहुंचे PM नरेंद्र मोदी
PM मोदी भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे के न्यौते पर भूटान पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री टोबगे 5 दिन के लिए (14-18 मार्च) भारत आए थे। जनवरी 2024 में PM बनने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा थी। यात्रा के दौरान टोबगे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, PM मोदी से मुलाकात की थी। साथ ही कई कार्यक्रमों के शामिल हुए थे। टोबगे ने कई इंडस्ट्री के प्रमुखों के साथ बैठक भी की थी। इस दौरान उन्होंने मोदी को भूटान आने का न्यौता दिया था।
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भूटान में आज सभी स्कूल बंद
भूटानी नागरिक त्शेवांग दोरजी ने ANI से कहा- हम PM मोदी का स्वागत करने के लिए बहुत उत्साहित हैं। आज सभी स्कूल बंद हैं। सभी छात्र उनका स्वागत करने के लिए एक्सप्रेस हाईवे पर पहुंच गए हैं। हमें उनका स्वागत करते हुए खुशी हो रही है।
भूटान PM से मिलेंगे, कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे मोदी
दौरे के बारे में जानकारी देते हुए PM मोदी मे X पर लिखा- भूटान के लिए रवाना। मैं भारत-भूटान साझेदारी को और मजबूत करने के लिए कई कार्यक्रमों में हिस्सा लूंगा। भूटान के किंग जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे से मुलाकात करूंगा।
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भूटान का सबसे बड़ा सहयोगी देश है भारत
ऐतिहासिक तौर पर भूटान हमेशा भारत के करीब रहा है, हालांकि उसकी फॉरेन पॉलिसी में भारत ने कभी दखलंदाजी नहीं की। 8 लाख की आबादी वाले भूटान की गुट निरपेक्ष नीति है। उसके अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस से राजनयिक संबंध नहीं हैं। 1949 में भारत-भूटान में विदेश नीति, व्यापार व सुरक्षा को लेकर संधि हुई थी। 2007 में विदेश नीति का प्रावधान हटा दिया गया। भारत अब भूटान का सबसे बड़ा राजनयिक और आर्थिक साथी है।
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