मध्य एशिया के कजाकिस्तान में आज शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) समिट शुरू हो रही है। इसमें रूस, पाकिस्तान, चीन और तुर्किये के नेता भाग लेंगे। रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास जंग के बीच यह पहला मौका होगा जब पुतिन, शी जिनपिंग, शहबाज शरीफ और एर्दोगन एक साथ एक मंच पर होंगे।
हालांकि तुर्किये इस संगठन का सदस्य नहीं है, लेकिन एर्दोगन इस समिट में गेस्ट के रूप में भाग लेंगे। भारत भी इस संगठन का सदस्य है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी इस बार समिट में शामिल नहीं हो रहे हैं। इस समिट के जरिए 2 साल बाद मोदी और पुतिन की मुलाकात हो सकती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस. जयशंकर वहां मौजूद रहेंगे।
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संसद सत्र या चीन-पाकिस्तान, मोदी ने क्यों रद्द किया कजाकिस्तान SCO समिट का दौरा?
सूत्रों के अनुसार, पहले प्रधानमंत्री मोदी इस समिट के लिए कजाकिस्तान जाने वाले थे। उनकी एडवांस सिक्योरिटी टीम ने अस्ताना जाकर वहां की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा भी लिया था। लेकिन संसद सत्र के कारण उन्हें दौरा रद्द करना पड़ा।प्रधानमंत्री के न जाने से संगठन के प्रति भारत की गंभीरता पर सवाल उठ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शहबाज शरीफ और शी जिनपिंग की उपस्थिति के कारण मोदी का दौरा रद्द किया गया है। फिलहाल भारत के चीन और पाकिस्तान दोनों देशों से संबंध अच्छे नहीं हैं। यदि मोदी कजाकिस्तान जाते, तो उन्हें जिनपिंग और शहबाज शरीफ के आमने-सामने होना पड़ता।
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