पुतिन ने पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता है, जिसमें उन्होंने करीब 88 प्रतिशत वोटों के साथ जीत दर्ज की है. चुनाव में पुतिन की जीत देश की राजनीतिक व्यवस्था पर उनके नियंत्रण को पुनः पुष्टि करती है. पुतिन के सामने केवल तीन उम्मीदवार थे. उन्होंने यूक्रेन युद्ध का विरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी गई थी. रूस के केंद्रीय चुनाव आयोग ने देश में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में पुतिन की जीत की पुष्टि की है. उन्होंने रिकॉर्ड वोट पर्संटेज के साथ पांचवां कार्यकाल हासिल किया है। 71 साल के पुतिन ने 1999 से अब तक एक बार भी चुनाव नहीं हारा है.
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रूस के केंद्रीय चुनाव आयोग ने सोमवार को कहा कि करीब 100 फीसदी क्षेत्रों में पड़े मतों की गिनती कर ली गई है. पुतिन को 87.29 फीसदी वोट मिले हैं. आयोग की प्रमुख एला पैम्फिलोवा ने कहा कि पुतिन के लिए करीब 7.6 करोड़ लोगों ने मतदान किया है, जो उन्हें हासिल अब तक के सबसे ज्यादा वोट हैं.
ये चुनाव में पुतिन की जीत देश की राजनीतिक व्यवस्था पर उनके नियंत्रण को रेखांकित करती है. पुतिन के सामने नाममात्र के सिर्फ तीन उम्मीदवार थे. यूक्रेन युद्ध का विरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति को पुतिन के खिलाफ चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी गयी थी.
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व्लादिमीर पुतिन 2000 में पहली बार राष्ट्रपति बने थे
बता दें कि व्लादिमीर पुतिन दिसंबर 1999 से राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के तौर पर रूस का नेतृत्व कर रहे हैं. वह पहली बार साल 2000 में रूस के राष्ट्रपति बने थे. 2008 तक वो इस पद पर रहे. 2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति मेदवेदेव ने अपनी पार्टी से पुतिन को एक बार फिर राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए नॉमिनेट करने को कहा. इसके बाद 2012 के चुनाव में पुतिन ने जीत हासिल की. तब से अब तक वो राष्ट्रपति पद पर हैं.
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