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    रूस ने जर्मनी, पोलैंड और स्वीडन के राजदूतों को निकाला बाहर

    FILE - In this Sunday, Feb. 24, 2019 file photo, Russian opposition activist Alexei Navalny takes part in a march in memory of opposition leader Boris Nemtsov in Moscow, Russia. Russian opposition politician Alexei Navalny was placed on a ventilator in a hospital intensive care unit in Siberia after falling ill from suspected poisoning during a flight, his spokeswoman said Thursday Aug. 20, 2020. (AP Photo/Pavel Golovkin, File)

    पुतिन सरकार ने 23 जनवरी की पुतिन विरोधी रैली और प्रदर्शन में भाग लेने का आरोप लगाकर जर्मनी, पोलैंड और स्‍वीडन के राजदूतों को रूस छोड़ने को कहा है। ये राजदूत एलेक्सी नवलनी को छोड़े जाने की मांग कर रहे थे।

    रूसी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर प्रदर्शनों में भाग लेने वाले इन राजदूतों को persona non grata घोषित कर दिया। इसका विरोध करते हुए जर्मनी की चांसलर एन्जेला मार्केल ने इस कार्रवाई को गैर-वाजिब बताया। मार्केल ने कहा, “हम इन निष्कासन को अन्यायपूर्ण मानते हैं। हमारा मानना है कि यह एक और पहलू है, जिसे अभी रूस के कानून के शासन से काफी दूर देखा जा सकता है।”

    फ्रांस के मैक्रोन ने यह कहते हुए जर्मनी का साथ दिया कि वह इस मुद्दे पर अपने यूरोपीय संघ के समकक्ष के साथ “पूरी तरह से एकजुट और एकजुटता” में है। उन्होंने यूरोपीय राजनयिकों को निष्कासित करने के रूस के फैसले की “सबसे दृढ़ता से” निंदा की।

    पोलैंड विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय “हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में संकट को और गहरा करने में योगदान देगा।” मंत्रालय ने कहा कि विचाराधीन राजनयिक सेंट पीटर्सबर्ग में पोलिश वाणिज्य दूतावास में काम कर रहे थे और इस कदम पर “खेद” और “चिंता” व्यक्त की। मंत्रालय ने कहा, “रूस के राजदूत को सूचित किया गया था कि पोलिश राजनयिक ने वियना कन्वेंशन के अनुसार राजनयिक स्थिति के परिणामस्वरूप अपने कर्तव्यों का पालन किया है।”

    अमेरिकी विदेशमंत्री एंटनी ब्लिंक ने कहा कि रूस अपने अंतरराष्ट्रीय जवाबदेही से खुद को अलग कर रहा है और अमेरिका जर्मनी, पोलैंड और स्‍वीडन के साथ खड़ा है।

    अलेक्सी नवलनी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे प्रमुख आलोचक थे, उन्हें इस सप्ताह लगभग तीन साल की पैरोल के उल्लंघन के लिए जेल में डाल दिया गया। उन्हें 17 जनवरी को जर्मनी में इलाज से लौटने पर गिरफ्तार किया गया था, जहां अगस्त में बीमार पड़ने के बाद उनको जर्मनी ले जाया गया था।

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