अमेरिका की एक अदालत ने 2008 के मुंबई आतंकी हमले के गुनहगार पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी। कैलिफोर्निया की कोर्ट ने कहा कि अमेरिका की जेल में बंद 26/11 हमले में वांछित राणा को भारत भेजा जा सकता है।
भारत ने 10 जून, 2020 को प्रत्यर्पण की दृष्टि से 62 वर्षीय राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। बाइडन प्रशासन ने राणा के भारत प्रत्यर्पण का समर्थन किया था और उसे मंजूरी दी थी।
भारत लाने की कार्यवाही शुरू करने को तैयार: एनआईए
अदालती सुनवाई के दौरान, अमेरिकी सरकार के वकीलों ने तर्क दिया कि राणा को मालूम था कि उसके बचपन का दोस्त पाकिस्तानी-अमेरिकी डेविड कोलमैन हेडली लश्कर-ए-तैयबा में शामिल है। इसके बावजूद राणा ने हेडली की मदद की। राणा को इस बात की भी जानकारी थी कि हेडली हमले की योजना बना रहा है और इस तरह हेडली की सहायता करके एवं उसकी गतिविधियों के लिए उसे बचाव प्रदान कर उसने आतंकवादी संगठन और इसके सहयोगियों की मदद की।
राणा के सहायक जो कानूनों के बारे में जानते हैं, ने कहा कि वे नहीं चाहते कि राणा को दूसरी जगह भेजा जाए
दूसरी ओर, राणा के वकील ने प्रत्यर्पण का विरोध किया। मुंबई आतंकी हमलों में छह अमेरिकियों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे। इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था। ये हमले मुंबई के प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण स्थानों पर 60 घंटे से अधिक समय तक जारी रहे थे। भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि है। न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि राणा का भारत प्रत्यर्पण पूरी तरह से संधि के अधिकार क्षेत्र में है।