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    ब्राज़ील के राष्ट्रपति और इसराइल के प्रधानमंत्री के बीच क्यों बढ़ी तनातनी

    ब्राज़ील के राष्ट्रपति

    ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने हाल ही में इथियोपिया में आयोजित अफ़्रीकन यूनियन समिट में इसराइल के कार्रवाई को होलोकॉस्ट के समान जनसंहार करने का तुलना करते हुए निंदा की। इसराइल ने इस बयान की कड़ी आलोचना की है और प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने इसे सीमा लांघना बताया है।

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    इसराइल के विरोधी अभियान का आरोप:

    सात अक्टूबर को हुए हमास के हमले के बाद से इसराइली सेना फ़लस्तीनी क्षेत्रों में हमले कर रही है। इसराइली हमलों के परिणामस्वरूप ग़ज़ा में बड़ी संख्या में औरतें और बच्चे मारे गए हैं। पहले हमास के हमले में इसराइल में सैकड़ों आम लोगों की मौत हो चुकी थी। लूला डा सिल्वा ने कहा था कि इसराइल का सैन्य अभियान बच्चों और महिलाओं के खिलाफ एक तैयार सेना है। इसराइल ने इस बयान को हिटलर के होलोकॉस्ट से तुलना करने के लिए गहरी आपत्ति जताई है।

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    लूला डा सिल्वा के बयान पर आपत्ति:

    ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने यह कहा था कि ग़ज़ा पट्टी में हुए घटनाक्रम युद्ध नहीं बल्कि जनसंहार हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ, बल्कि सिर्फ़ हिटलर के समय में ही ऐसा हुआ था जब वह यहूदियों के प्रति अत्याचार कर रहे थे। इसराइल को यहूदियों का देश माना जाता है, जिसे हिटलर के नाज़ी शासन के दौरान लाखों यहूदियों के जीवन की हत्या के बाद बसाया गया था। हिटलर के शासन के दौरान लगभग 60 लाख यहूदी मारे गए थे। इसराइल ने लूला डा सिल्वा के बयान को नाराज़गी के साथ ठुकराया और इसे यहूदी विरोधी घोषित किया। ब्राज़ील के प्रमुख यहूदी संगठन ने भी लूला के बयान की निंदा की है।

    यहूदी संगठन की आलोचना और आईसीजे का फैसला:

    ब्राज़ील में यहूदी संगठन ने लूला के बयान को होलोकॉस्ट के पीड़ितों की यादों को दुःख पहुंचाने वाला माना। लूला ने साउथ अफ्रीका के केस का समर्थन किया था, जिसमें इसराइल को ग़ज़ा में जनसंहार का आरोप था। जनवरी में आईसीजे ने अपने अंतरिम आदेश में कहा था कि इसराइल को फ़लस्तीनियों को नुकसान से बचाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। हालांकि, कोर्ट ने ग़ज़ा पर इसराइल के हमलों को तुरंत रोकने का आदेश नहीं जारी किया। आईसीजे के फ़ैसले बाध्यकारी होते हैं, लेकिन इसे लागू करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।

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