भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति को चीन पर नवगठित हाउस कमेटी का प्रमुख नियुक्त किया गया है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका और दुनिया के लिए चीन द्वारा उत्पन्न किसी भी खतरे की जांच करेगी। इस बीच, भारतीय-अमेरिकी सांसद डॉ. अमी बेरा को हाउस कमेटी ऑन इंटेलिजेंस में एक महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया है, जो अमेरिका की जासूसी एजेंसियों की देखरेख करती है।
‘द हाउस परमानेंट सेलेक्ट कमेटी ऑन इंटेलिजेंस’ पर केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA), नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर (DNI) के कार्यालय, नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (NSA) के साथ-साथ सेना के खुफिया कार्यक्रमों सहित देश की खुफिया गतिविधियों की निगरानी करने का प्रभार है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अल्पसंख्यक मामलों के नेता हकीम जेफरीज ने बुधवार को अमेरिका और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा पर सदन की चयन समिति के ‘रैंकिंग सदस्य’ के रूप में कृष्णमूर्ति की नियुक्ति की घोषणा की।
भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी रो खन्ना को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ आर्थिक, तकनीकी और सुरक्षा संबंधी प्रतिस्पर्धा से संबंधित नीति से निपटने, जांच करने और विकसित करने के उद्देश्य से एक नई कांग्रेस समिति में नियुक्त किया गया है।
कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘अमेरिका और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा पर सदन की चयन समिति में ‘रैंकिंग सदस्य’ के रूप में मुझे नियुक्त करने के लिए मैं नेता जेफरीज का आभारी हूं। उन्होंने कहा, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी, अमेरिका और दुनिया भर में लोकतंत्र व समृद्धि के लिए गंभीर आर्थिक व सुरक्षा संबंधी खतरे उत्पन्न करती है, जो ताइवान के लोकतंत्र के खिलाफ उसके खतरों, टिकटॉक (एप) को एक हथियार बनाने और सैकड़ों अमेरिकी डॉलर की बौद्धिक संपत्ति की चोरी से स्पष्ट है।’’
भारत और अमेरिका के बीच के संबंधों में आएगी मजबूती
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का मानना है कि ‘क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज’ (ICET) पर भारत-अमेरिका की पहल दोनों देशों के वास्ते एक लोकतांत्रिक प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी। भारत-अमेरिका संबंधों में आईसीईटी को “नेक्स्ट बिग थिंग” एक बड़ा कदम बताया जा रहा है। मंगलवार को यहां व्हाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और भारत के अजित डोभाल द्वारा इसकी शुरुआत की गई थी।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “ राष्ट्रपति का मानना है कि यह पहल अमेरिका और भारत के लिए एक लोकतांत्रिक प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों व हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए, हम इसे भारत के साथ बेहद महत्वपूर्ण पहल और साझेदारी के रूप में देखते हैं।”