• Fri. Nov 22nd, 2024

    चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरा अमेरिका का पहला प्राइवेट स्पेसक्राफ्ट

    चंद्रमा

    अमेरिका की ह्यूस्टन बेस्ड प्राइवेट कंपनी इंट्यूटिव मशीन्स द्वारा लॉन्च किया गया ओडिसियस चंद्रमा का लैंडर 15 फरवरी 2024 को चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड हो गया। भारतीय समय के अनुसार, स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग का समय 4 बजकर 53 मिनट पर हुआ। यह ओडिसियस मून लैंडिंग करने वाला प्राइवेट कंपनी का पहला स्पेसक्राफ्ट बन गया।

    वहीं, अमेरिका दूसरा देश है जो चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरा। इससे पहले 23 अगस्त 2023 को भारत के चंद्रयान-3 की साउथ पोल पर सफल लैंडिंग हुई थी। लैंडिंग से पहले ओडिसियस के नेविगेशन सिस्टम में कुछ खराबी आई थी। इसके बावजूद लैंडिंग कराई गई।

    अमेरिकी मीडिया ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, लैंडिंग के बाद ओडिसियस की जानकारी नहीं मिली है। उससे संपर्क भी नहीं है, लेकिन मिशन के डायरेक्टर टिम क्रेन ने कहा कि हम बिना किसी संदेह के कह सकते हैं कि ओडिसियस चांद की सतह पर मौजूद है।

    Read Also : वीमेंस प्रीमियर लीग का दूसरा सीजन कल से शुरु, 5 टीमें लेंगी हिस्सा

    चंद्रमा पर मौजूद धूल की स्टडी करेगा

    ओडिसियस मून मिशन का मकसद चांद पर मौजूद धूल की स्टडी करना है। दरअसल, अपोलो मिशन पूरा करके लौटे अंतरिक्ष यात्रियों ने बताया था कि धूल की वजह से उनके इक्विपमेंट्स खराब हुए थे। इसलिए अब साइंटिस्ट समझाना चाहते हैं कि स्पेसक्राफ्ट के लैंड होने से उड़ने वाली धूल कैसे हवा में रहती है और फिर मून सरफेस पर बैठ जाती है।

    Read Also : जयपुर की पंजाब नेशनल बैंक में फायरिंग, एक व्यक्ति को लगी गोली

    जहां लैंडिंग हुई वहां इंसानों को भेजने की तैयारी

    ब्रिटिश मीडिया BBC के मुताबिक, लैंडर ओडिसियस जिस जगह पर लैंड हुआ है उसे मालापर्ट के नाम से जाना जाता है। यहां सूरज की रोशनी नहीं पहुंचती। ये एक खाई के करीब समतल यानी प्लेन जगह है। मालापर्ट 17वीं सदी के बेल्जियन एस्ट्रोनॉमर थे। साइंटिस्ट्स का मानना है कि यहां पानी मौजूद है, लेकिन वो बर्फ के रूप में है। यह इलाका उन जगहों की शॉर्टलिस्ट में है, जहां अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA आर्टिमिस मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने पर विचार कर रहा है।

    Read Also : गुलमर्ग में एवलांच की घटना, एक स्कीयर की मौत; SDRF टीम जुटी रेस्क्यू में

    51 साल बाद कोई अमेरिकी स्पेसक्राफ्ट चांद पर उतरा

    51 साल में पहली बार कोई अमेरिकी मिशन चांद पर उतरा है। इसके पहले 1972 में अपोलो 17 मिशन ने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी। इसके बाद अमेरिका ने साल 2022 में आर्टिमिस-1 मिशन को चांद पर रवाना किया था। लेकिन वह स्‍पेसक्राफ्ट चांद पर उतरा नहीं था। आर्टिमिस-1 ने चांद का चक्‍कर लगाया था। NASA के अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए कोशिश करते रहेंगे। इसके तहत एस्ट्रोबोटिक कंपनी नवंबर 2024 में ग्रिफिन लैंडर को NASA के वाइपर रोवर के जरिए चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग के लिए लॉन्च करेगी।

    Read Also : महाराष्ट्र के पूर्व CM और शिवसेना के दिग्गज नेता मनोहर जोशी का हुआ निधन

    Share With Your Friends If you Loved it!