यूक्रेन जंग के मुहाने पर है। रूसी सेनाएं उसकी सीमा से महज 20 किलोमीटर दूर हमले के लिए तैयार नजर आती हैं। अमेरिका और उसके सहयोगी नाटो देश इस जंग को टालने के लिए भरपूर कोशिश कर रहे हैं। आज जिनेवा में रूस और अमेरिका के विदेश मंत्रियों की बैठक पर नजरें टिकी हैं। डर इस बात का है कि अगर रूस हमला करता है तो यह जंग रूस बनाम पश्चिम हो सकती है। जंग की आशंका देखते हुए ब्रिटेन ने यूक्रेन को एंटी टैंक वेपन्स दे दिए हैं तो कनाडा ने अपनी पैरा ट्रूपर रेजीमेंट यूक्रेन भेज दी है।
जंग टालने के प्रयास भी जारी
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन शुक्रवार को जिनेवा में रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से वार्ता करेंगे। बुधवार को कीव के दौरे पर पहुंचे ब्लिंकन ने मॉस्को से शांतिपूर्ण रास्ता चुनने की अपील भी की। इस बारे में एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि जिनेवा में मुलाकात आगे की कूटनीतिक रास्ता तय करेगी। पिछले हफ्ते भी जिनेवा में उपविदेश मंत्री वेंडी शीर्मेन ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई रायबकोव से मुलाकात की थी। दरअसल, रूस ने मांग की है कि ‘उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन नाटो यूरोप में अपने विस्तार पर रोक लगाए।
हालांकि अमेरिका ने इन मांगों को अवास्तविक बताते हुए खारिज कर दिया लेकिन इसने कहा कि वह मिसाइलों की तैनाती.
और सैन्य अभ्यास को कम करेगा रूस को डर है कि अगर यूक्रेन नाटो का हिस्सा बन गया और मॉस्को.
ने कीव पर हमला किया तो गठबंधन के देश उस पर हमला कर सकते हैं इससे तीसरे विश्व युद्ध का .
खतरा पैदा हो गया है
एकजुट नहीं है नाटो
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की मुलाकात.
से यह पता लगेगा कि यूरोप में एक नई जंग होती है या इसे टाला जा सकेगा रूस अब पश्चिम .
के लिए बड़ा खतरा है और ऐसा लगता है कि अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों के बीच सही कोऑर्डिनेशन .
नहीं है।
खुद बाइडेन ने गुरुवार रात छोटी घुसपैठ शब्द इस्तेमाल करके सहयोगी देशों को असमंजस में डाल दिया हालांकि बाद.
में सफाई दी कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो अमेरिका और सहयोगी आर्थिक तौर पर करारा जवाब देंगे