• Mon. Dec 23rd, 2024

    पाकिस्तान में एक बार फिर बड़ा राजनीतिक उलटफेर हो सकता है।

    पेट्रोलियम कीमतों को बढ़ाने का साहसिक फैसला होगा, जिसकी दूर-दूर तक उम्मीद नहीं दिखती।

    पिछले महीने ही प्रधानमंत्री बने शहबाज शरीफ संसद को भंग करने का फैसला ले सकते हैं।

    आर्थिक संकट में जकड़े पाकिस्तान के लिए नए प्रधानमंत्री अगले चुनाव में खुद और अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की छवि को बचाने के लिहाज से सरकार में शामिल गठबंधन के प्रमुख नेताओं से अलग-अलग मुलाकात कर किसी एक फैसले तक पहुंचने की कोशिश में हैं।

    पीएम शहबाज ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी प्रमुख आसिफ अली जरदारी, जमात उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख मौलाना फजल-उर-रहमान और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के संयोजक खालिद मकबूल सिद्दीकी से इस्लामाबाद में अलग-अलग बैठक की। महंगाई और आर्थिक अस्थिरता को बैठक का मुद्दा बताया जा रहा है, हालांकि एक बात साफ तौर पर निकल कर आ रही है कि बढ़ते आर्थिक और राजनीतिक दबाव के मद्देनजर पीएम शहबाज अपने मंत्रिमंडल को भंग कर सकते हैं।

    सरकार के पास चुनाव अंतिम विकल्प

    आर्थिक अस्थिरता के कारण डेढ़ महीने के अंदर दूसरी बार पाकिस्तान बुरी तरह राजनीतिक अस्थिरता के चंगुल में है।

    सबसे बड़ा संकट अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की शर्तों के मुताबिक पेट्रोलियम की कीमतें बढ़ाने के निर्णय को लेकर है।

    कीमत बढ़ाने से जनता में आक्रोश तय है, जिसका नुकसान सत्तारूढ़ गठबंधन को होना भी तय है।

    जिस नई कैबिनेट को अधिकतम 16 महीने तक देश पर शासन कर चुनाव में उतरना था, वह 40 दिनों में ही चुनाव को अंतिम विकल्प मान रही है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के अनुसार, किसी भी फैसले के लिए पीएम राष्ट्र को संबोधित करेंगे और आम अवाम को विश्वास में लेकर।

    इधर, शहबाज सरकार ने अब लग्जरी सामान के आयात पर रोक लगा दी है।

    गठबंधन के प्रमुख सहयोगियों के बीच इस समय गहरा मतभेद है।

    Share With Your Friends If you Loved it!