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    राजस्थानी स्टूडेंट के पास खाने-पीने का सामान तक नहीं बचा

    यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद स्टूडेंट की चिंता बढ़ गई है। राजस्थानी स्टूडेंट इस युद्ध में फंसे हुए है। बचने के लिए वह आस-पास के बंकर तलाश रहे हैं। कई स्टूडेंट को हॉस्टल, होटल और फ्लेट के बंकर में शिफ्ट किया गया। यहां वे मार्शल (यूक्रेन सैनिक) की निगरानी में हैं। इन बंकर में फंसे बीकानेर, नागौर और कोटा के स्टूडेंट ने वहां के हालात बताए। स्टूडेंट ने बताया कि 600 इंडियन स्टूडेंट बंकर में दुबके हैं। रुपए से लेकर खाने-पीने की चीजें खत्म हो चुकी है।

    खारकीय के एक कॉलेज के बैसमेंट से बीकानेर की माधुरी चौधरी ने दैनिक भास्कर से बातचीत की। बताया कि देर रात तक वो बंकर में रहे। जहां से उन्हें एक बार कहा गया कि कमरे में जाकर सो सकते हैं लेकिन लाइट्स ऑन नहीं करें। जैसे ही कमरे में गए, कुछ देर में फिर धमाके शुरू हो गए। ऐसे में उन्हें वापस बंकर में आना पड़ा। पूरी रात बंकर में गुजारने के दौरान नींद आना तो बहुत दूर की बात है, सांस थमे रहे। बीकानेर के नगरासर में रहने वाले जितेंद्र डारा भी खारकीव में फंसे हुए हैं।

    अपार्टमेंट के बेसमेंट में रात गुजारी, एम्बेसी के मैसेज का इंतजार

    नागौर के मौलासर क्षेत्र के रजत राठौड़ कीव में एकअपार्टमेंट में रह रहे हैं।

    राजस्थानी स्टूडेंट रजत ने बताया कि गुरुवार तड़के तेज धमाका हुआ।

    इसके बाद लगातार धमाके की आवाज आती रही।

    फ्लेट से बाहर आकर कर देखा तो बाहर भगदड़ मची हुई थी।

    तभी कुछ लोग बोले कि रशिया ने हमला कर दिया है। कुछ ही देर में एडवाइजरी जारी हो गई।

    एंबेसी से कॉन्टैक्ट करने की भी कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई।

    रजत ने बताया कि अपार्टमेंट के ही बंकरनुमा बेसमेंट में बैठा हूं। एम्बेसी के मैसेज का इंतजार है।

    फोटो-वीडियो शेयर करने के लिए मना कर दिया गया है।

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