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    हिमाचल Weather: प्राकृतिक आपदा ने मचाई तबाही, 71 की गई जान, कांगड़ा में बाढ़ प्रभावित इलाकों से 780 को बचाया

    हिमाचल

    हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा ने तबाही मचा कर रख दी है। मंडी, शिमला, कुल्लू, जिला सिरमौर और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में 1,220 सड़कें बंद हैं। इससे बुधवार को भी दो हजार से ज्यादा रूट प्रभावित रहे। पेयजल स्रोतों में गाद आने से लोगों के घरों में पानी नहीं जा रहा है। मंडी की सबसे ज्यादा 541 समेत 1,235 पानी की स्कीमें ठप हैं।

    वायु सेना ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में 780 से ज्यादा लोगों को बचाया है। भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि पश्चिमी वायु कमान के हेलिकॉप्टरों ने पिछले 48 घंटों में 50 से ज्यादा उड़ानें भरीं हैं।

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    हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में इस दौरान 780 से अधिक लोगों को बचाया गया। 15 अगस्त को 800 फंसे हुए नागरिकों को बचाया गया, कांगड़ा जिले के फ़तेहपुर उप-मंडल में राहत और बचाव कार्यों पर कांगड़ा के उपायुक्त निपुण जिंदल ने बताया।

    NDF, Indian Army और Indian Air Force बचाव अभियान जारी है। अब तक बचाए गए लोगों के लिए हर आवश्यक उपाय किया गया है। राहत शिविर भी बनाए गए हैं।

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    सीएम सुक्खू ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया

    हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को इंदौरा और फतेहपुर जिले में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्हें पोंग जलाशय की बाढ़ग्रस्त निचली धारा में चल रहे निकासी प्रयासों और राहत उपायों का जायजा लिया। डमटाल और शेखपुरा में राहत शिविरों में लोगों से बातचीत करते हुए, मुख्यमंत्री ने उनका कुशलक्षेम पूछा और सरकार की ओर से हर संभव सहायता देने का वादा किया।

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    बाढ़ से किसानों को भारी नुकसान

    सीएम ने राज्य के ऊपरी इलाकों में भारी बारिश और बाढ़ से हुई जान-माल की हानि पर भी चिंता व्यक्त की। सुक्खू ने कहा कि सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है। सैकड़ों स्थानीय लोगों ने असहाय होकर अपने घरों को बहते देखा, जबकि फसल काटने वाले विशाल क्षेत्र पानी में डूब गए, जिससे किसानों को अप्रत्याशित नुकसान हुआ।

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    सीएम ने अधिकारियों को दिए निर्देश

    मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आपको विशेष रूप से इन क्षेत्रों के लिए मुआवजे और राहत सामग्री सहित एक विशेष पैकेज का आश्वासन देता हूं। उन्होंने प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि राहत शिविरों में शरण लिए हुए लोगों की उचित देखभाल की जाए।

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    मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राहत कार्यों के लिए भोजनालयों और आवश्यक दवाओं का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। पिछले तीन दिनों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या 71 आंकी गई है।

    71 लोगों की जान गई

    आपदा प्रबंधन के प्रमुख सचिव, ओंकार चंद शर्मा ने कहा कि 13-15 अगस्त तक लगातार बारिश ने कुल 71 लोगों की जान ले ली है, जबकि इस मानसून में शुद्ध वित्तीय नुकसान लगभग 7,500 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है।

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