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    कुछ हिस्सों में हुए पथराव के बाद पुणे के बाद अब नागपुर में धारा 144 लागू :महाराष्ट्र

    महाराष्ट्र के पुणे के बाद अब नागपुर में भी धारा 144 लागू कर दी गई है।

    अक्टूबर के अंत में त्रिपुरा में हुई हिंसा के खिलाफ शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के बाद हाल ही में महाराष्ट्र के

    कुछ हिस्सों में हुए पथराव को देखते हुए प्रशासन यह कदम उठाया है।

    एक अधिकारी ने कहा कि ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस अस्वती दोरजे की ओर से आदेश भी जारी कर दिया गया है। 

    ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस की ओर से जारी आदेश में लोगों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर

    ऐसे मैसेज और पोस्ट को शेयर करने की मनाही का निर्देश दिया गया जो समूहों के बीच सांप्रदायिक दरार पैदा कर सकते हैं।

    इसके अलावा एक जगह पर पांच लोगों के इकट्ठा होने पर भी रोक लगा दी गई है।

    आदेश 14 नवंबर की मध्यरात्रि से अगले आदेश तक लागू रहेगा।

    आदेश में पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर भी रोक लगाता है।

    इसके अलावा ऐसे होर्डिंग और पोस्टर लगाने की भी मनाही है जो सांप्रदायिक तनाव पैदा कर सकते हैं।

    त्रिपुरा में साम्प्रदायिक हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र के पांच जिलों में हुई रैलियों में पथराव की घटना के संबंध में कम से कम

    20 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

    अमरावती में ‘बंद’ के दौरान हिंसा की ताजा घटनाओं के बाद शनिवार को कर्फ्यू लगा दिया गया

    और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।

    पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी थी।

    पुणे, 14 नवंबर (भाषा) त्रिपुरा में अक्टूबर के आखिर में हुई हिंसा के विरोध में

    शुक्रवार को महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में प्रदर्शन के दौरान पथराव होने की घटनाओं के मद्देनजर पुणे

    जिला प्रशासन ने रविवार को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी।

    एक अधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी राजेश देशमुख द्वारा जारी किये गये आदेश में

    सोशल मीडिया मंचों पर ऐसे संदेशों एवं पोस्ट का प्रसार करने पर रोक लगा दी गई है,

    जिनसे समूहों के बीच वैमनस्य फैल सकता है। जिला प्रशासन ने बैठकें करने पर भी रोक लगा दी है।

    उन्होंने कहा, ‘‘ “यह आदेश 14 नवंबर की मध्यरात्रि से 20 नवंबर तक लागू रहेगा।

    आदेश के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम, ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से समाज में सांप्रदायिक दरार पैदा कर सकने वाले संदेश फैलाना प्रतिबंधित है।

    पांच या अधिक लोगों के एक जगह एकत्र होने और ऐसे होर्डिंग और पोस्टर लगाना प्रतिबंधित है, जो सांप्रदायिक तनाव पैदा कर सकते हैं।’’

    अधिकारी ने बताया कि आदेश का उल्लंघन करने वालों पर भादंसं की धारा 188 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।

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