केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बंगले में हुए अवैध निर्माण का मामला बड़ा होता जा रहा है।
अब बृहन्मुंबई महानगर पालिक(BMC) ने राणे को एक नोटिस जारी कर बंगले में हुए अवैध निर्माण को अगले 15 दिनों में गिराने के लिए कहा है। जुहू स्थित ‘आदिष’ बंगले में हुए अवैध निर्माण की जानकारी देते हुए नोटिस में बीएमसी ने कहा है कि अगर राणे की ओर से इसे नहीं हटाया गया तो बीएमसी का ‘तोड़क दस्ता’ इसे गिराएगा।
राणे के बंगले में अवैध निर्माण किए जाने की शिकायत आने के बाद बीएमसी अधिकारियों ने पिछले महीने इस बंगले का मुआयना किया था।
4 मार्च 2022 को पालिका ने राणे परिवार को नोटिस भेज कर अवैध निर्माण को लेकर सवाल किए थे।
इसके जवाब में राणे परिवार ने अपने वकील के माध्यम से निर्माण को अधिकृत होने का दावा किया था।
लेकिन बीएमसी ने उस दावे को स्वीकार नहीं किया।
BMC ने अपने नोटिस में कहा है कि यह उनका आखिरी नोटिस है|
इसके बाद बंगले में हुए अवैध निर्माण को सीधे तोड़ा जाएगा।
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बंगले में अवैध निर्माण किए जाने की शिकायत आने के बाद बीएमसी अधिकारियों ने पिछले महीने इस बंगले का मुआयना किया
नारायण राणे ने यह दी थी सफाई
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने बीएमसी के नोटिस पर पिछले दिनों सफाई देते हुए कहा था कि, साल 1991 के विकास नियंत्रण नियमों के अनुसार, 17 सितंबर 2009 को मेरे इस घर को एक प्रसिद्ध आर्किटेक्ट द्वारा पूरा किया गया था।
एक इंच भी इमारत का अवैध नहीं है।
RTI एक्टिविस्ट की शिकायत पर हो रही कार्रवाई
बीएमसी की कार्रवाई सूचना के अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता संतोष दौंडकर की शिकायत के बाद की जा रही है।
एक्टिविस्ट ने आरोप लगाया है कि बीएमसी ने बंगले के अवैध निर्माण के संबंध में उनकी पिछली शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
दौंडकर ने कहा कि कोस्टल कानूनों (सीआरजेड) का उल्लंघन कर इस बंगले का निर्माण करवाया गया है।
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि बंगला समुद्र के 50 मीटर के दायरे में बनाया गया है जो सीआरजेड नियमों का सबसे बड़ा उल्लंघन है।
संतोष दौंडकर ने कहा,’मैं 2017 से इस बंगले के खिलाफ शिकायत कर रहा हूं, लेकिन पिछले चार साल में बीएमसी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
अब उम्मीद है कि अब इस पर बीएमसी सीरियस होकर कार्रवाई करेगी।”