भूपेंद्र यादव के गुजरात का नया मुख्यमंत्री बनते ही अब उनकी नई कैबिनेट को लेकर भी अटकलें तेज हो गई है।
माना जा रहा है कि पूर्व सीएम विजय रूपाणी की कैबिनेट में रहे कई वरिष्ठ नेताओं और विधायकों की अब छुट्टी हो सकती है।
इनमें से एक नाम नितिन पटेल का भी है।
हालांकि, नितिन पटेल ने खुद इन खबरों को खारिज कर दिया है और कहा है कि जब तक वह लोगों के दिलों में हैं तब तक उन्हें कोई हटा नहीं सकता है।
गुजरात में विजय रूपाणी के इस्तीफे के बाद से ही उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल सहित कई दिग्गजों के नामों पर अटकलें चल रही थीं, लेकिन बाजी मार गए भूपेंद्र पटेल।
इस बीच आस लगाए बैठे नितिन पटेल की नाराजगी की बात सामने आ रही है।
नवनियुक्त मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल घोषणा के तुरंत बाद रविवार शाम राजभवन पहुंचे और सरकार बनाने का दावा पेश किया।
हालांकि इस दौरान पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल की अनुपस्थिति को लेकर इस दिग्गज नेता की नाराज़गी की अटकलें तेज़ हो गई हैं।
गुजरात के नए सीएम चुने गए भूपेंद्र पटेल
विजय रुपाणी के इस्तीफा के बाद अब गुजरात में भूपेंद्र पटेल के अगुवाई में पूरी सरकार का गठन होगा.
राज्य में मंत्रिमंडल का फिर से गठन किया जाएगा.
रुपाणी की सीएम की कुर्सी जाने के बाद अब नितिन पटेल को भी अपनी डिप्टी सीएम का पद गंवाना पड़ सकता है.
क्योंकि बीजेपी ने पाटीदार समाज से भूपेंद्र पटेल को सीएम चुन लिया है.
सीएम और डिप्टी सीएम दोनों ही पद बीजेपी एक ही समाज के नेता को नहीं देगी.
इससे गलत सियासी संदेश जाएगा, जिसके चलते नितिन पटेल का क्या होगा.
राजनीति के माहिर नितिन पटेल सक्रिय राजनीति में बने रहना चाहते हैं।
बताया जाता है कि उनके पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से भी अच्छे संबंध नहीं थे।
रूपाणी जहां अमित शाह के पसंदीदा थे वही नितिन पटेल गुजरात की राजनीति में शाह का विरोधी खेमा मानी जाने वाली आनंदीबेन पटेल के नज़दीकी माने जाते हैं।
राज्य में अगले साल होने वाले चुनाव के मद्देनज़र भाजपा पटेल की नाराज़गी की पूरी तरह अनदेखी नहीं कर सकती।
इससे पहले वर्ष 2017 में जब उन्हें वित मंत्रालय का प्रभार नहीं दिया गया था तो उन्होंने लगभग खुले बग़ावती तेवर अपना लिए थे।
पार्टी आलाकमान को उनके सामने झुकना पड़ा था।
भूपेंद्र पटेल कल राज्य के 17 वें मुख्यमंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे।
अब देखना ये होगा कि नितिन पटेल इसमें शामिल होते हैं या नहीं।
बताया जा रहा है कि उन्हें उत्तराखंड के राज्यपाल पद का प्रस्ताव दिया गया है।