रूसी हमले में यूक्रेन का मारियुपोल नर्क बन गया है। बमबारी में 2,500 से अधिक नागरिकों ने जान गंवाई है। यह आंकड़ा राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की के एडवाइजर ओलेक्सी एरेस्टोविच ने दिया है। मारियुपोल से चौंकाने वाली ड्रोन फुटेज और सैटेलाइज इमेज सामने आई है। इसमें रूसी बमबारी के बाद तबाही का मंजर दिखाई देता है।
यूक्रेन अधिकारियों के मुताबिक, शहर में करीब 3.5 लाख लोग फंसे हुए हैं। उन्हें बिजली, पानी और दवा जैसी जरूरी चीजों के बिना जीने को मजबूर हैं। गैस भी नहीं मिल रही है, ऐसे में माइनस 5 डिग्री टेम्परेचर में जान बचाना इन लोगों ने सबसे बड़ी चुनौती है।
मारियुपोल सिटी काउंसिल ने मंगलवार को बताया कि करीब 2,000 कारों मे लोग शहर से बाहर निकलने में सफल रहे हैं।
इसके अलावा, 2,000 से अधिक वाहन शहर से बाहर जाने वाले हाईवे पर खड़ी हैं।
मारियुपोल को रूसी सैनिकों ने 1 मार्च से ही घेर रखा है।
यहां से लोगों को निकालने के लिए सेफ्टी कॉरिडोर भी बनाया गया|
लेकिन यह कॉरिडोर भी ज्यादा समय तक काम नहीं आ सका।
यूक्रेन अधिकारियों के मुताबिक, शहर में करीब 3.5 लाख लोग फंसे हुए हैं
करीब 225 किमी दूर जपोरिजिया इलाके में भागने में सफल रही दो महिलाओं ने सोमवार को मारियुपोल के भयावह हालात के बारे में बताया।
लिडिया ने बताया कि रूसी बम उनके घर पास गिर रहे थ||
जिसके बाद उन्होंने मारियुपोल छोड़ने का फैसला लिया।
लिडिया ने कहा- गोलाबारी के बीच हमें शहर छोड़कर भागना पड़ा।
वहां लगातार बमबारी की आवाजें सुनी जा सकती हैं।
हमने अपने पड़ोसियों से बात की, उन्होंने बताया कि फिलहाल हालात और भी बिगड़ गए हैं।
इसलिए कोई नहीं जानता कि लोग अब मारियुपोल छोड़ पाएंगे या नहीं।
लिडिया ने कहा कि उन्होंने करीब 60 लोगों के साथ एक बेसमेंट में दो हफ्ते शरण ली।
वह अपने अपार्टमेंट से सामान लेने के लिए कभी-कभार ही जाती थीं।
शहर से बाहर जाने के दौरान हुई घटनाओं के बारे में बताते हुए लिडिया ने कहा कि रूसी प्लेन बहुत नीचे उड़ रहे थे।
हमें लगातार हमले का डर सता रहा था।
इसलिए हमें कई बार रुकना पड़ा और बच्चों को छिपाना पड़ा। अब मारियुपोल में रहना संभव नहीं है।