महान लियोनेल मेसी का विश्व विजेता बनने का सपना आखिरकार पूरा हो गया। 2014 में खिताब चूकने वाले मेसी की टीम ने फीफा वर्ल्ड कप इतिहास के सबसे रोमांचक फाइनल में फ्रांस को फुल टाइम में 3-3 से स्कोर बराबर रहने के बाद पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हरा दिया। यह अर्जेंटीना का तीसरा खिताब है। इससे पहले उसने 1978 और 1986 में ट्रॉफी अपने नाम की थी। पेनल्टी शूटआउट में अर्जेंटीना के गोलकीपर मार्टिनेज ने कमाल कर दिया। उन्होंने मौके बचाए और मेसी का सपना पूरा कर दिया। इसके साथ ही मेसी का नाम माराडोना के साथ सुनहरे अक्षरों में लिख दिया गया है।
लियोनेल मेसी ने दागा पहला गोल, हाफ आइम तक अर्जेंटीना 2-0 से आगे
लियोनेल मेसी की अगुवाई में अर्जेंटीना ने फ्रांस के खिलाफ विश्व कप फाइनल में हाफटाइम तक 2-0 से बढ़त बना ली थी। मेसी ने 23वें मिनट में पेनल्टी किक पर गोल किया, जो उन्हें उन्हें जब फ्रांस के डेम्बेले के एंजेल डि मारिया पर फाउल करने पर मिला था। इसके 13 मिनट बाद एंजेल डि मारिया ने दूसरा गोल दागा। मेसी के अब विश्व कप में पेले के समान 12 गोल हो गए हैं। वह एक ही विश्व कप में ग्रुप चरण और नॉकआउट चरण के हर मैच में गोल करने वाले पहले खिलाड़ी बने। मेसी का यह रिकॉर्ड 26वां विश्व कप मैच है और उन्होंने जर्मनी के लोथार मथाउस का रिकॉर्ड तोड़ा। वह 2006 से अब तक पांच विश्व कप में 11 गोल कर चुके हैं।
दो मिनट में दो गाल दाग एम्बाप्पे ने पलट दिया पासा
दूसरे हाफ में गेम अर्जेंटीना के पक्ष में जाता दिख रहा था कि किलियन एम्बाप्पे ने दो मिनट में दो गाल दागते हुए पासा ही पलट दिया। एम्बाप्पे ने 80वें मिनट में पेनल्टी पर गोल दागा, जबकि 97 सेकंड बाद गेंद जाल में उलझाते हुए फ्रांस को 2-2 की बराबरी पर ला खड़ा किया। पेरिस सेंट जर्मेन में साथी एम्बाप्पे की रफ्तार के आगे मेसी के सूरमा डिफेंडर पूरी तरह फेल हो गए। अर्जेंटीना की दीवार माने जाने वाले गोलकीपर मार्टिनेज भी असहाय दिखे। इस तरह एम्बाप्पे अब मेसी से एक गोल आगे हो गए।