फिनटेक कंपनी BharatPe और कंपनी के को-फाउंडर रहे पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर Ashneer Grover के बीच की जंग अब सिंगापुर पहुंच गई है. इससे पहले कंपनी उन्हें भारत में ही दो मामलों में घेर चुकी है. इसमें दिल्ली हाईकोर्ट में दर्ज एक दीवानी मामला है, जबकि आर्थिक अपराध शाखा के पास एक आपराधिक मामला भी चल रहा है.
भारतपे ने अशनीर ग्रोवर के पास मौजूद कंपनी की हिस्सेदारी और को-फाउंडर के टाइटल को वापस लेने के लिए सिंगापुर के अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (International Arbitration Centre Singapore) में अर्जी दायर की है. अभी कंपनी के ये शेयर प्रतिबंधित कैटेगरी में हैं.
अशनीर ग्रोवर को होगा ये नुकसान
भारतपे ने एक दिन पहले ही सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र के नियमों के तहत यह अर्जी दायर की है. अगर भारतपे की यह अर्जी स्वीकार कर ली जाती है तो अशनीर ग्रोवर को उनके पास मौजूद कंपनी के शेयर और को-फाउंडर का टाइटल, दोनों गंवाना पड़ सकता है.
अशनीर के पास भारतपे के इतने शेयर
अभी भारतपे में करीब 8.5 प्रतिशत हिस्सेदारी अशनीर ग्रोवर के पास है. हालांकि इसमें से 1.4 प्रतिशत शेयर होल्डिंग प्रतिबंधित कैटेगरी में है. इस कैटेगरी में शेयर होल्डिंग होने का मतलब है कि कंपनी के कर्मचारी के तौर पर मिली इस हिस्सेदारी को ट्रांसफर नहीं किया सकता है.