भोपाल की मदर इंडिया कॉलोनी में बुधवार शाम क्लोरीन गैस टैंक लीक हो गया. इससे गैस फैलने से हड़कंप मच गया. बस्ती में रहने वाले लोगों की आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ होने लगी. इससे लोग घरों से बाहर निकल आए. गैस की चपेट में आए 11 लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. क्लोरीन गैस का रिसाव एक वाटर फिल्टर प्लांट से हुआ. मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने बताया कि अस्पताल में भर्ती कराए गए लोगों की हालत सुधर रही है.
भोपाल के कलेक्टर अविनाश लावनिया ने बताया कि क्लोरीन गैस रिसाव की सूचना मिलने के बाद घटनास्थल पर एंबुलेंस मौके पर पहुंची. एंबुलेंस से तीन मरीजों को हमीदिया अस्पताल पहुंचाया गया. हमीदिया अस्पताल पहुंचाए गए लोगों में 35 साल की संगीता, 40 साल की पुष्पा और 65 साल के परवेज का नाम शामिल है. तीनों की हालत बेहतर है. मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने एक ट्वीट में बताया कि हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराए गए लोगों के स्वास्थ्य में निरंतर सुधार है. चिकित्सक और अस्पताल प्रबंधन समुचित इलाज के लिए तत्परता से जुटे हुए हैं.
सारंग ने कहा है कि ईदगाह हिल्स स्थित मदर इंडिया कॉलोनी में क्लोरीन के टैंक में रिसाव होने की घटना की बारीकियों से समीक्षा कर विस्तृत जांच हेतु निर्देश दिए हैं.यदि जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा. इसकी पुनरावृत्ति रोकने हेतु प्रभावी कदम भी उठाये जाएंगे.
यह घटना उस समय हुई जब क्लोरीन को पानी में मिलाया जा रहा था. लेकिन सिलेंडर में लिकेज होने की वजह से गैस का रिसाव होने लगा. इसके बाद सिलेंडर को पानी में डाल दिया गया. जहां सिलेंडर को डाला गया था, वहां से पानी नाले में जाता है. जब यह पानी पास की मदर इंडिया कॉलोनी में पहुंचा तो लोगों को पानी से दिक्कत होने लगी. उनके आंखों में जलन होने लगी, खांसी आने लगी. इससे लोग घबरा गए. लोग घबराकर अपने अपने घरों से बाहर आ गए. इसकी जानकारी मिलने पर प्रशासन ने स्थिति को संभाला. प्रशासन ने रिसाव वाले सिलेंडर को डिफ्यूज करने की कोशिश की. लेकिन तबतक 800 लीटर की क्षमता के सिलेंडर की गैस पानी में घुल चुकी थी.
कितने लोग अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं
गैस की चपेट में आए 11 लोगों को हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में भर्ती कराए गए लोगों की हालत अब बेहतर बताई जा रही है. इनमें से कई लोगों को प्राथमिक इलाज के बाद वापस घर भेज दिया गया है.