सीमा सुरक्षा बल ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में हीरानगर के पानसर में एक सुरंग का पता लगाया है। इसकी लंबाई 150 मीटर बताई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि इसका निर्माण पाकिस्तानी खुफिया विभाग ने आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ कराने के लिए किया था। सीमा सुरक्षा बल द्वारा 10 दिनों में दूसरी सुरंग का पता लगाया गया है। सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी हुई हैं।
अधिकारियों ने बताया कि विशिष्ट खुफिया सूचना पर, बीएसएफ ने एंटी टनलिंग ड्राइव की श्रृंखला में जम्मू के पंसार क्षेत्र में एक और सुरंग का पता लगाया है। बीपी नंबर 14 और 15 के बीच सुरंग का पता चला है। सुरंग लगभग 150 मीटर लंबी और 30 फीट गहरी है।
बीएसएफ ने जून 2020 में इसी इलाके में हथियारों और गोला-बारूद ले जा रहे एक पाकिस्तानी हेक्साकॉप्टर को मार गिराया था। सैनिकों ने नवंबर 2019 में इसी क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश को भी नाकाम कर दिया था। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अब तक जम्मू संभाग में दसवीं और पिछले छह महीने में चौथी सुरंग मिली है।
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की हरकत पर नजर रखने के लिए सीमा सुरक्षा बल ने अत्याधुनिक उपकरणाें के साथ सुरक्षा ग्रिड तैयार किया है। सीआईबीएमएस यानी कॉम्प्रिहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम से आतंकी घुसपैठ के मंसूबे लगातार नाकाम हो रहे हैं। यह सिस्टम किसी भी मौसम में मानव हलचल को पकड़ लेता है। कई बार आतंकी घुसपैठ की कोशिशों को इसी सिस्टम की मदद से ऐन मौके पर नाकाम कर दिया गया है। यही वजह है कि पाकिस्तान सुरंगें खोदकर आतंकियों को इस पार धकेलने की कोशिशें कर रहा है।
सीमा प्रहरियों की दिक्कतों को देखते हुए मैनुअल पेट्रोलिंग के साथ सीआईबीएमएस से भी निगरानी की जा रही है। अत्याधुनिक उपकरणाें से लैस यह सिस्टम बेहद कारगर है, जिससे बौखलाया पाकिस्तान सुरंगें खोदने के हथकंडे अपना रहा है।
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार सुरंगें खोदने के लिए पाकिस्तान पेशेवर इंजीनियरों की मदद ले रहा है। इसी वजह से सैकड़ों मीटर लंबी सुरंगों को खोदने पर भी इसकी भनक नहीं लग रही। हालांकि बीएसएफ के एंटी टनल अभियान ने आरएस पुरा, सांबा से लेकर हीरानगर सेक्टर तक सुरंगों को खोजने में सफलता हासिल की है।