देश में बढ़ती चावलों की कीमतों के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने ब्रोकन राइस (Broken Rice) यानी टूटे हुए चावल के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार ने इसके लिए आदेश भी जारी कर दिया है. इसके अलावा सरकार ने उसना चावल को छोड़कर गैर-बासमती चावल पर भी 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगा दिया है.
आज से प्रतिबंध लागू
डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड संतोष कुमार सारंगी की तरफ से इसका नॉटिफिकेशन जारी किया गया. इसके मुताबिक, ‘आज यानी 9 सितंबर से ब्रोकन राइस के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसके साथ ही विभिन्न ग्रेड के निर्यात पर 20 प्रतिशत ड्यूटी लगाई गई है.’ बता दें कि चीन के बाद भारत चावल का सबसे बड़ा उत्पादक है. चावल के वैश्विक व्यापार में भारत का भाग 40 प्रतिशत है. चालू खरीफ सत्र में धान फसल का रकबा काफी घट गया है. ऐसे में घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है.
कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, चालू खरीफ सत्र में अबतक धान का बुवाई क्षेत्र 5.62 प्रतिशत घटकर 383.99 लाख हेक्टेयर रह गया है. देश के कुछ राज्यों में बारिश कम होने की वजह से धान का बुवाई क्षेत्र घटा है. चीन के बाद भारत चावल का सबसे बड़ा उत्पादक है. चावल के वैश्विक व्यापार में भारत का हिस्सा 40 प्रतिशत है.
150 से अधिक देशों में भारत करता है चावल निर्यात
भारत ने 2021-22 के वित्त वर्ष में 2.12 करोड़ टन चावल का निर्यात किया था. इसमें 39.4 लाख टन बासमती चावल था. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में गैर-बासमती चावल का निर्यात 6.11 अरब डॉलर रहा. भारत ने 2021-22 में दुनिया के 150 से अधिक देशों को गैर-बासमती चावल का निर्यात किया.