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    8 चीतों की जंबो उड़ान… थोड़ी देर में चिनूक हेलिकॉप्टर से पहुंचेंगे कूनो नेशनल पार्क

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भारत की सरजमीं पर चीतों का स्वागत करेंगे। 74 साल बाद आज चीते भारत आ रहे हैं। आज सुबह अफ्रीकी देश नामीबिया से 16 घंटे की उड़ान भरकर खास विमान खास जंबो जेट बी 747 इन चीतों को लेकर ग्वालियर पहुंच गया है। इस विमान को चीते की शक्ल में खास तरीके से सजाया गया है, जो सीधे ग्वालियर उतरेगा। पीएम मोदी इन चीतों को मध्यप्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में छोड़ेंगे। इस नेशनल पार्क में नामीबिया से आ रहे 8 चीतों को रखा जाना है। इस ऐतिहासिक मौके की खास बात यह भी है कि आज ही पीएम मोदी का बर्थडे भी है। वे आज 72 साल के होने जा रहे हैं। 

    ये है पीएम मोदी का पूरा कार्यक्रम

    पीएम मोदी समरकंद में संपन्न हुई शंघाई समिट से भारत आ चुके हैं, चीतों का वेलकम करने के लिए वे आज एमपी के कुनो नेशनल पार्क पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी सुबह 9.20 बजे ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। इसके बाद वे श्योपुर जिले में स्थित कुनो नेशनल पार्क के लिए रवाना हो जाएंगे। यह दूरी करीब 165 किलोमीटर की रहेगी। इसके बाद पीएम मोदी चीतों को छोड़े जाने की पहली साइट पर करीब 10.30 बजे पहुंचेंगे। वहीं दूसरी साइट पर वे 10.45 बजे चीतों को छोड़ेंगे।

    ग्वालियर से हेलिकॉप्टर से कुनो नेशनल पार्क ले जाए जाएंगे चीते

    इससे पहले नामीबिया से इन चीतों को ला रहा विशेष विमान सुबह ग्वालियर पहुंच चुका है। इस विमान में आ रहे चीतों में 5 मादा और 2 नर हैं। ग्वालियर के बाद वायुसेना के विशेष हेलिकॉप्टर इन्हें कुनो नेशनल पार्क लेकर आएंगे। इन चीतों को शुरुआत में एक विशेष बाड़े में रखा जाएगा।  वे यहां कुछ वक्त तक क्वारंटीन रहेंगे।  फिर इन्हें खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। पीएम मोदी पिंजरे का लीवर खींचकर इन चीतों को इसी बाड़े में छोड़ेंगे। चीतों को छोड़ने के बाद पीएम मोदी यहां एक इंटरेक्शन कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।

    वन्यजीवन को पुनर्जीवित करने के प्रयासों का हिस्सा है चीतों को लानाः पीएमओ

    चीतों को भारत लाने के बारे में पीएमओ यानी प्रधानमंत्री कार्यालय ने गुरुवार को अपने बयान में बताया था कि चीतों को लाने का ये काम पीएम मोदी के भारत के वन्यजीवन को फिर से जीवित करने और विविध बनाने के प्रयासों का हिस्सा है। भारत में चीतों को वापस लाने वाला ‘प्रोजेक्ट चीता‘ विश्व के सबसे बड़े वाइल्ड लाइफ ट्रांसलोकेशन प्रोजेक्ट में से एक है।  चीतों के भारत में वापस आने से घास के मैदानी इलाकों और खुले जंगल में इकोलॉजी बैलेंस बनाने में सहायता मिलेगी। वहीं यह बायो डायवर्सिटी को भी कायम रखेगा।

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