दिल्ली हाईकोर्ट में सांसद महुआ मोइत्रा मामले की सुनवाई टल गई है. अब इस मामले में 31 अक्टूबर को सुनवाई होगी. बता दें कि हाईकोर्ट को मानहानी मामले में सुनवाई करनी थी. इन सब के बीच महुआ के वकील न अपना नाम वापस ले लिया है. कोर्ट में सुनवाई शुरू होती ही देहाद्राई ने कोर्ट को बताया कि कल रात में महुआ के वकील शंकरनारायणन ने उनसे संपर्क कर कहा कि वो कुत्ते के बदले सीबीआई को की गई शिकायत वापस ले लें.
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केस की पूरी जानकारी
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा का मामला लगातार बढ़ रहा है. उनपर संसद में सवाल पूछने के बदले कैश लेने का आरोप है. खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिजनेसमैन गौतम अडाणी को निशाने पर लेने के लिए उन्हें अन्य व्यापारी से पैसे मिले हैं. सबसे पहले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने इस मुद्दे को उछाला, जिनके आरोपों को टीएमसी सांसद ने फर्जी करार दिया और हाई कोर्ट पहुंच गईं. इस केस में उनके अब उस दोस्त की एंट्री हुई है, जिन्होंने कथित रूप से मोइत्रा को कैश दिए.
हीरानंदानी समूह के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने कथित तौर पर संसद में विशेष रूप से अडाणी समूह को निशाना बनाने वाले सवाल उठाने के लिए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को कैश दिया था. उनके हलफनामे के मुताबिक, हीरानंदानी ने अडाणी समूह के बारे में सवाल पूछने के लिए मोइत्रा के संसदीय लॉगिन का इस्तेमाल की बात स्वीकार की.
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महुआ मोइत्रा पर आरोप
हीरानंदानी ने दावा किया कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा गौतम अडाणी को निशाना बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करना चाहती थीं. आरोप लगाया कि उन्होंने मोइत्रा को महंगे गिफ्ट्स, उनकी यात्राओं का खर्च और गोपनीय जानकारी मुहैया कराई. इन्हीं दावों के आधार पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और जय अनंत देहाद्राई ने महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए कथित रूप से रिश्वत लेने का आरोप लगाया. उनका दावा है कि उन्होंने विशेषाधिकार का उल्लंघन किया, सदन की अवमानना की और कथित अपराध में शामिल रहीं.
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2017 से “करीबी निजी दोस्त”
बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी का कहना है कि वह सांसद महुआ मोइत्रा को 2017 से जानते हैं. बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में दोनों की मुलाकात हुई थी, तब मोइत्रा विधायक हुआ करती थीं. बकौल हीरानंदानी पिछले कुछ सालों से टीएमसी सांसद उनकी “करीबी निजी दोस्त” बन गई थीं. हीरानंदानी का मकसद था कि वह मोइत्रा के जरिए अपना बिजनेस एक्सपैंड कर सकेंगे. हीरानंदानी की मानें तो इसके बाद मोइत्रा ने संसदीय चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की. वह “राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम कमाना चाहती थीं.” 2019 के लोकसभा चुनाव में वह पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से सांसद चुनी गईं.
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चर्चा में बने रहने के लिए मोदी-अडाणी को बनाया निशाना – हीरानंदानी
महुआ मोइत्रा ने कथित रूप से चर्चा में बने रहने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निजी हमला करने का प्लान बनाया. उनके दोस्तों और सलाहकारों ने उन्हें ऐसा करने की सलाह दी, जिससे वह “कम समय में मशहूर” हो सकें. फिर उन्होंने सोचा कि असल में अगर नरेंद्र मोदी पर हमला बोलना हो तो इसके लिए शॉर्ट-कट गौतम अडाणी हो सकते हैं, जहां दोनों ही गुजरात से आते हैं. आरोपों के आधार पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को चिट्ठी लिखकर मामले की जांच कराने और महुआ मोइत्रा को सदन से तत्काल निलंबित करने की मांग की है.
अडाणी केस की जांच करें फिर मुझसे सवाल पूछे एजेंसी – मोइत्रा
टीएमसी सांसद मोइत्रा ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि वह अपने कथित मनी लॉन्ड्रिंग की सीबीआई जांच का स्वागत करती हैं, लेकिन सिर्फ तब जब वे (एजेंसियां) अडाणी के कथित ऑफशोर मनी ट्रेल, ओवर-इनवॉइसिंग और बेनामी खातों की जांच पूरी कर लें. टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने निशिकांत दुबे के आरोपों को “झूठा और अपमानजनक” बताते हुए उन्हें कानूनी नोटिस भी भेजा है.
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मोइत्रा ने उनके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है. उन्होंने कोर्ट से बीजेपी सांसद को उनके खिलाफ उनके संबंधित प्लेटफार्मों पर पोस्ट किए गए पोस्ट्स, ट्वीट, री-ट्वीट, कैप्शन सहित सभी कथित अपमानजनक कंटेंट को हटाने का निर्देश देने की मांग की है.
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