• Fri. Sep 20th, 2024

    सुबह 3.30 बजे जाग जातीं हैं द्रौपदी: शिव बाबा का ध्यान करके डिप्रेशन से निकलीं मुर्मू

    ओडिशा का पहाड़पुर गांव। एंट्री गेट पर बैनर लगा है। जिसके दोनों तरफ द्रौपदी मुर्मू की बड़ी-बड़ी तस्वीरें लगी हैं। लिखा है- राष्ट्रपति पद की प्रार्थिनी द्रौपदी मुर्मू, पहाड़पुर गांव आपका स्वागत करता है। यहीं पर एक बड़ी सी प्रतिमा लगी है, जो द्रौपदी के पति की है। जिस पर ओडिशा के दो महान कवियों सच्चिदानंद और सरला दास की कविता की पंक्तियां उकेरी हुई हैं।

    यहां से करीब 2.5 किलोमीटर अंदर दाखिल होने पर एक स्कूल है। नाम- श्याम, लक्ष्मण, शिपुन उच्च प्राथमिक आवासीय विद्यालय। कभी यहां एक घर था। वही घर जहां 42 साल पहले देश की होने वाली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दुल्हन बनकर आईं थीं। तब न तो पक्की दीवारें थीं और न पक्की छत। खपरैल-फूस से बना घर और बांस का छोटा सा दरवाजा।

    4 साल के भीतर इस घर ने 3 ट्रेजडी देखीं। एक के बाद एक 3 लाशें गांव में दफन हुईं। 2010 से 2014 के बीच द्रौपदी के 2 बेटों और पति की मौत हुई। बड़े बेटे की मौत रहस्यमयी ढंग से हुई थी। करीबियों ने बताया कि वह अपने दोस्तों के घर पार्टी में गया था। रात घर लौटा, कहा मैं थका हूं, डिस्टर्ब मत करना।

    Share With Your Friends If you Loved it!