किसानों के आंदोलन को लेकर सड़ंक से संसद तक घमासान मचा हुआ है। सरकार ने बुधवार को सरकार ने राज्यसभा को बताया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने वाले किसी भी किसान नेता को को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा पूछताछ के लिए समन नहीं किया गया है। एनआइए आतंक से संबंधित अपराधों की जांच करती है।
सितंबर, 2020 में केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठन दो महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान इन कानूनों को पूरी तरह से निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं। प्रदर्शन कर रहे ज्यादातर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी से कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और दो अन्य सदस्यों ने सवाल किया था कि क्या कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों में शामिल किसानों को एनआइए ने पूछताछ के लिए बुलाया है। इसके लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री ने कहा कि ‘नहीं’ एनआइए ने किसी किसान नेता को पूछताठ के लिए नहीं बुलाया है।